कश्मीर: बीजेपी के सहयोगी सांसद ने ही सेना पर सवाल उठा दिए

नई दिल्ली/श्रीनगर। कश्मीर के हालात नियंत्रण से बाहर बने हुए हैं। तनाव बरकरार है और कर्फ्यू जारी है। मौतों का सिलसिला भी थमा नहीं है। अब तक 48 मौतें हो चुकीं हैं। 2500 से ज्यादा घायल हो गए हैं। इधर लोकसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही कश्मीर पर राजनीति भी तेज हो गई है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी पीडीपी के सांसद ने ही सेना की कार्रवाई पर सवाल उठा दिए हैं। 

कांग्रेस और टीएमसी ने लोकसभा में कहा कि सरकार स्थिति पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम रही है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी की सहयोगी पार्टी पीडीपी के सांसद मुजफ्फर बेग ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा- जब बुरहान सिक्युरिटी एजेंसियों के रडार पर था तो उसे अरेस्ट क्यों नहीं किया गया? क्या मारना इतना जरूरी था? सिक्युरिटी फोर्सेस और पुलिस के साथ झड़प में अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

बीजेपी नेता और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा है कि पाकिस्तान के 'काला दिवस' मानाने के बाद कश्मीर में हालात बिगड़े हैं। उधर, अलगाववादियाें ने बुधवार को 10 जिलों में कर्फ्यू के बाद भी घाटी में काला दिवस मनाया। पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि भारत में कश्मीर का विलय करने की देश को बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। बीजेपी नेता राम माधव पूरे मामले पर केंद्र को रिपोर्ट देने के लिए कश्मीर पहुंच गए हैं। वे सीएम महबूबा मुफ्ती से बात करेंगे। एक बयान में गिलानी, मीरवाइज उमर, फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने कहा कि घाटी में 22 जुलाई तक हड़ताल जारी रहेगी। हालांकि, गुरुवार दोपहर दो बजे के बाद इसमें छूट रहेगी।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया बैठक का बहिष्कार
नेकां ने जम्मू-कश्मीर के मामले पर मुख्यमंत्री द्वारा 21 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने भी बुधवार को घाटी का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की। साथ ही सेना को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सख्ती से निगरानी के निर्देश भी दिए।

पांचवें दिन भी नहीं बंटा अखबार
कश्मीर घाटी में लगातार पांचवें दिन भी अखबार नहीं छपे। मीडिया घरानों ने कहा कि जब तक सरकार बैन नहीं हटाती अखबार नहीं छापेंगे। जबकि, श्रीनगर और बड़गाम में पब्लिकेशन पर कोई बैन नहीं है। 

अलगावादियों ने की 24 को ‘ब्लैक आउट’ की अपील
सेना के विरोध में अलगाववादियों ने लोगों से रात 8.30 बजे से आधे घंटे तक अंधेरा रखने (ब्लैक आउट) की अपील की है। कहा कि 24 जुलाई की शाम को ‘ब्लैक आउट’ का पालन करें और अनंतनाग शहर में रैली के लिए जुटें।

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