कहीं आपके सिलेण्डर से भी गैस चोरी तो नहीं हो रही

भोपाल। यदि आप रसोई गैस उपभोक्ता हैं तो सिलेंडर लेने से पहले उसका वजन जरूर तुलवाएं। क्योंकि एजेंसी के हॉकर्स सिलेंडर में से गैस निकालकर आपको चूना लगा रहे हैं। यह खुलासा हबीबगंज पुलिस के हत्थे चढ़े एजेंसी के हॉकर्स और ट्रक चालक समेत आधा दर्जन आरोपियों ने पूछताछ में किया है। आरोपी पहले तो सप्लाई करने वाले सिलेंडर में से 1 से 2 किलोग्राम तक गैस निकालते थे, जिसे दूसरे सिलेंडर में भर दिया जाता था। इसके बाद वे सिलेंडर दोबारा सील पैक कर देते थे। फिर यह कम वजन वाला सिलेंडर ग्राहकों तक पहुंचा दिया जाता था और भरा गया दूसरा सिलेंडर वे अधिक रुपयों में दुकानदारों को बेच देते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 80 गैस सिलेंडर और मिनी ट्रक जब्त किया है।

टीआई हबीबगंज रविंद्र यादव को शुक्रवार रात पारस सिटी के पास गैस सिलेंडर से भरा एक मिनी ट्रक खड़े होने की सूचना मिली। पुलिस ने दबिश देकर ट्रक जब्त किया तो पता चला कि यह विनायक गैस एजेंसी की गाड़ी है। इसी के साथ पुलिस ने जनता क्वार्टर निवासी 35 वर्षीय अशोक पिता नत्थूराम, मंडीदीप निवासी 19 वर्षीय देवेंद्र केवट, 23 वर्षीय रूपेश और 21 वर्षीय सुरेंद्र को पकड़ा। वे सप्लाई किए जाने वाले सिलेंडर में से गैस निकालकर खाली सिलेंडर में भर रहा थे। पुलिस ने मौके से 75 घरेलू और 5 कमर्शियल सिलेंडर जब्त किए। अशोक की निशानदेही पर पुलिस साईं बोर्ड कॉलोनी निवासी 63 वर्षीय अश्विनी भाटिया और 65 वर्षीय सुरेंद्र भाटिया की भी गिरफ्तार किया। दोनों उनसे सिलेंडर खरीदते थे।

ऐसे निकालते थे गैस
पूरे गिरोह का मास्टर माइंड अशोक है। वह करीब दो साल से एजेंसी के लिए ट्रक चला रहा है। देवेंद्र ने बताया कि भरा सिलेंडर ऊंचाई पर रखकर उससे एक पाइप के जरिए खाली सिलेंडर से जोड़ देते थे। भारी होने के कारण गैस खाली सिलेंडर में आसानी से आ जाती थी। कुछ सेकंड में ही 1 से 2 किग्रा गैस निकाल आती थी। आरोपी एक दिन में करीब आधा दर्जन तक सिलेंडर भर लेते थे। इन्हीं सिलेंडर को अवैध रूप से मार्केट में बेचते थे।

आरोपियों की भूमिका
मुख्य आरोपी : जनता क्वार्टर निवासी अशोक पिता नत्थू राम, जो इस गिरोह को चला रहा था।
रिफलिंग का मास्टर माइंड : मंडीदीप निवासी 19 वर्षीय देवेंद्र केवट पिता बल्लू केवट करीब दो साल से सिलेंडर से गैस निकालकर उसमें वापस सील लगाने का काम करता था।
हेल्पर : मंडीदीप निवासी 23 वर्षीय रूपेश और 21 वर्षीय सुरेंद्र सहायक की भूमिका में रहते थे।
खरीदार : अशोक ब्लैक में सिलेंडर अश्विनी और सुरेंद्र भाटिया को सप्लाई कर देता था।

यह रखें ध्यान
घरेलू सिलेंडर का वजन 14 किलो 200 ग्राम होता है। हॉकर से तौल कांटा लाकर सिलेंडर का वजन करने को कहें।
तौल नहीं करने पर सिलेंडर की न तो डिलीवरी लें और न ही उसे रुपए दें।
गैस सिलेंडर की डिलीवरी लेते वक्त उसकी सील आदि का जांच करें।
हॉकर के सामने ही सिलेंडर के लीकेज की जांच करवाएं।

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