डेंगू-मलेरिया से बचना है तो बस इतना कर लें: स्वास्थ्य मंत्री

भोपाल। डेंगू-मलेरिया का मच्छर दिन में काटता है और स्वच्छ पानी में भी पनपता है। इसलिये ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी जागरूक बनायें। स्वास्थ्य विभाग नगर निगम, जिला शिक्षा अधिकारी, पार्षद, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, पंच-सरपंच के साथ मिलकर जागरूकता का वातावरण बनायें। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रुस्तम सिंह ने ये निर्देश आज यहाँ 11 डेंगू-मलेरिया उन्मुख जिलों की वीडियो-कान्फ्रेंसिंग समीक्षा के दौरान दिये।

श्री सिंह ने कहा कि घरों में कूलर, टंकी आदि जहाँ भी पानी का भराव है, एक चम्मच खाने का तेल डालें। तेल की पानी पर परत बनने से न केवल मच्छर से बचाव होता है, यदि पहले से लार्वा है तो वह भी नष्ट हो जाता है। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती गौरी सिंह और संचालक डॉ. के.एल. साहू भी मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्री श्री रुस्तम सिंह ने सीहोर, भोपाल, इंदौर, झाबुआ, बालाघाट, श्योपुर, छिन्दवाड़ा, सीधी, सिंगरौली, बैतूल, शिवपुरी और डिण्डोरी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला मलेरिया अधिकारी को हर हाल में अपने-अपने जिले के प्रत्येक गाँव ओर घर में 31 जुलाई तक दवा छिड़काव पूर्ण करने, मैदानी इलाकों में सतत भ्रमण करने और आशा कार्यकर्ता के पास पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट, जिंक, क्लोरीन, टेबलेट आदि मौजूद रहने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने इन सभी जिलों में डेंगू-मलेरिया विरोधी छिड़काव की टीम, आबादी, गाँव और घर में छिड़काव तथ्यात्मक जानकारी ली। श्री सिंह ने कहा कि भारत सरकार से प्रदेश को शीघ्र ही 13 लाख 70 हजार मेडीकेटेड मच्छरदानी दी जायेंगी। पिछले साल लगभग 7 लाख मच्छरदानी मिली थीं।

रोगी को कतई डिस्चार्ज न करें
श्री रुस्तम सिंह ने अस्पताल में जटिल रोगों के भर्ती मरीजों को स्वस्थ होने के बाद ही डिस्चार्ज करने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कई बार देखने में आता है कि मरीज बातचीत कर रहा है तो उसके परिजन स्वस्थ समझ घर ले जाते हैं और केस बिगड़ जाता है। श्री सिंह ने कहा कि परिजनों को रोग की गंभीरता का अंदाजा नहीं होता, इसलिये यह चिकित्सक की जिम्मेदारी है कि पूर्ण स्वस्थ होने तक मरीज को घर न जाने दें।

बताया गया कि पिछले 2 माह से सीहोर में डेंगू-मलेरिया नियंत्रण में हैं। भोपाल जिले में 24 टीम कार्यरत हैं और जनवरी से अब तक 186 प्रकरण सामने आये हैं। मंत्री श्री सिंह ने भोपाल में खासतौर पर पॉश इलाकों में जल-भराव जाँच के निर्देश दिये। भोपाल के स्कूलों में बच्चों को पूरी बाँह के कपड़े पहनने की समझाइश दी जा रही है। इंदौर में जनवरी से अब तक 19 प्रकरण आये हैं। श्री सिंह ने इंदौर में टीम संख्या बढ़ाने, लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रशासन, पार्षद, महापौर के साथ बैठक करने को कहा। झाबुआ में प्रकरणों पर नियंत्रण के लिये 50 टीम कार्यरत हैं। डिण्डोरी में मलेरिया नियंत्रण के लिये जबलपुर सीएमएचओ को 3 दिन डिण्डोरी में रहने के निर्देश दिये गये।

स्वाइन फ्लू के प्रति अभी से रहें सतर्क
श्री सिंह ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अभी से स्वाइन फ्लू के प्रति सतर्कता बरतने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने कहा कि वर्षा ऋतु के कारण अस्पतालों में सर्दी-खाँसी के मरीजों की संख्या बढ़ी है, इन पर निगरानी रखें।

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