
नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर अपने कुछ मीडिया मित्रों को बताया कि बड़े तालाब का फुल टेंक लेवल से पानी कल मंगलवार को काफी नीचे था। मगर जिस तेजी से तालाब में पानी बढ़ रहा था उससे आशंका हो गई थी के तालाब का पानी डूब क्षेत्र में बने चिरायू अस्पताल में जल्दी ही घुस जाएगा। इसी आशंका के चलते पहले तालाब के फुल टेंक लेवल 166.80 फिट पहुंचने की झूठी खबर मीडिया में प्रसारित की गई। इसके बाद एक षड्यंत्र के तहत सीएम शिवराज सिंह चौहान, महापौर आलोक शर्मा, जिला कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में भदभदा के गेट खोले गए जिससे नगर निगम की इस गलत कार्रवाई पर कोई सवाल नहीं उठा सके।
नगर निगम के इस वरिष्ठ अधिकारी ने आगे बताया कि नगर निगम द्वारा करीब 12 करोड़ की लागत से बनाई गई बड़े तालाब की विवादित रिटेनिंग वॉल को डूबने से बचाने के लिए भी फुट टेंक लेवल पहुंचने से पहले भदभदा गेट खोलना भी एक वजह है। हालांकि गेट खोलने से पहले ही बड़े तालाब की रिटेनिंग वॉल पानी में डूब गई। विदित हो कि पर्यावरण विशेषज्ञों के विरोध के चलते गर्मी के मौसम में यह रिटेनिंग वॉल बनाई गई। गर्मी के मौसम में बड़े पानी का जल स्तर अपने सबसे कम स्तर पर होता है। इस दीवार को बनाने में भी भारी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।