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सूबे की दो बड़ी पार्टियों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के चेहरे पहले ही सबके सामने हैं। अब कांग्रेस ने भी दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को उम्मीदवार घोषित कर बीजेपी पर भी ऐसा करने का दबाव बढ़ा दिया है जबकि बीजेपी चाहती थी कि विकास के नाम पर मोदी का चेहरा दिखाकर पहले चुनाव जीत लिया जाए, उसके बाद सीएम के नाम का भी फैसला कर लेंगे।
अब भाजपा चाहती है कि किसी ऐसे नेता को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया जाए जो कास्ट इक्वेशन में फिट बैठता हो साथ ही साथ जिसके पास थोड़ा जनाधार भी हो। इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश में स्टेट प्रेसीडेंट बनाने में भी मौर्य कम्युनिटी को चुना गया। प्रदेश में यादव के बाद मौर्य दूसरी सबसे बड़ी कम्युनिटी है।
सूत्रों की माने तो पार्टी का एक बड़ा वर्ग केंद्रीय गृहमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह पर दांव खेलना चाहता था। उनके नाम की घोषणा होने पर पार्टी की गुटबाजी पर भी अंकुश लगाया जा सकता है, लेकिन राजनाथ सिंह इसके लिए अब तक तैयार नहीं है। इनके बीच भाजपा विकास की रट लगाए है।