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सबसे पहले पढ़िए फोन पर क्या कहा मेनका गांधी ने
हेलो, शंकर हैं, मैं मेनका गांधी बोल रही हूं
जब मैने तुमको बोला था कि केस वापस ले लो तो हरामजादे तुमने क्यों नहीं लिया।
सारा गांव एक तरफ हो गया है, तुमसे नफरत करने लगा है।
या तो तुमको ये गांव छोड़ना पड़ेगा, या तो तुम ये केस वापस ले लो। मैं तुमको बता रही हूं।
तुमको कागज निकालने की जरूरत नहीं है, बस तुम लिख करके दे दो अदालत में।
तुमको कोई वकील साहब की जरूरत नहीं है, तुम बबलू के साथ जाओ।
ये सब बकवास मुझे सुनना नहीं है, मैं आखरी दफा बता रहीं हूं कि तुमको क्या करना है।
इसके बाद जब तुमको गांव छोड़ना पड़े ना, तब पता चलेगा।
कितने केस लगाओगे, जब पूरा गांव एक तरफ है तो कहां रोआगे, जब तुम्हारे उपर हमले होते रहेंगे।
कितने केस लगाओगे, एक दफा लक्ष्मण रेखा पार हो गई
तुम 10 केस लगाओगे, किसी को कोई फर्क नहीं पढ़ेगा।
कोई शांत वांत नहीं, तुम एक नंबर के बदमाश आदमी हो।
अब तुम जाओ और वो केस वापस लेकरके आओ, आज ही।
कुल 2 मिनट 53 सेकेंड बात की। इस दौरान वो बार बार अपनी दलीलें देता रहा। यह रिकार्डिंग एसपी के पास जमा कराई गई है।
क्या है मामला
थाना बरखेड़ा क्षेत्र के अलकथान गांव निवासी शंकर पड़ोस में रहने वाले छोटेलाल ने अपने दो पुत्रों के साथ मिलकर बीती 13 मई को शंकर की आंगन में लगी दीवार तोड़ दी और दरवाजा निकालने लगा, विरोध करने पर शंकर की माता जनुका देवी को बुरी तरह पीट दिया। जिसकी रिपोर्ट पुलिस ने जनुका देवी की ओर से उसी दिन दर्ज कर ली।
छोटेलाल ने दोबारा 17 मई को दीवार तोड़कर दरवाजा लगाने लगे, विरोध करने पर शंकर की बेटी चंपा को पीटा व जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली गलौच की। जिसके बाद इसकी रिर्पोट उसी दिन छोटेलाल व उसके दो पुत्रों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज कर लिया।
इस मामले में आरोपी मेनका गांधी के समर्थक हैं। उन्हीं को बचाने के लिए मेनका गांधी प्रयास कर रहीं हैं और फरियादी से समझौता करने के लिए दवाब बना रहीं हैं।