सोयाबीन का बीमा नहीं मिला तो विधानसभा का घेराव करेंगे: किसान संघ

Bhopal Samachar
भोपाल। भारतीय किसान संघ के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक 4 जुलाई को संपन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से किसानों से संबंधित तीन मुद्दों पर चर्चा हुई और  निर्णय लिया गया कि तीनों मुद्दों पर सरकार द्वारा त्वरित निर्णय लेकर किसानों के हित में कार्रवाई नहीं की गई तो भारतीय किसान संघ द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान राजधानी में धरना दिया जाएगा और आवश्यक हुआ तो विधानसभा सभा का घेराव भी किया जाएगा।

भारतीय किसान संघ के प्रदेश कार्यालय में आहूत बैठक में बताया गया कि एक वर्ष पहले सोयाबीन की फसल खराब हो गई थी। तब सरकार ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए फसल बीमा दिए जाने की घोषणा की थी,  लेकिन सरकारी मशीनरी की लापरवाही से किसानों को अभी तक बीमे की राशि का भुगतान नहीं हुआ है।

इसी तरह भारतीय किसान संघ कार्यालय में 7 फरवरी को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि पंप योजना में किसानों को स्थायी बिजली कनेक्शन अपने खर्चे पर दिए जाने की घोषणा की थी। किसानों और सरकार दोनों के हित वाली इस योजना में  भी बदलाव कर सरकारी मशीनरी द्वारा किसानों के साथ धोखा किया जा कर रहां है। मुख्यमंत्री की मंशा किसानों को निशुल्क स्थायी कनेक्शन देने की है, जिसे  विभाग  ने बदल दिया है और किसानों से 11 हजार रुपए प्रति हार्सपावर के हिसाब से शुल्क वसूलने की योजना बनाई है। भारतीय किसान संघ मांग करता है कि कृषि स्थायी पंप योजना को मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप ही लागू किया जाए।

बैठक में सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली विभाग और सहकारिता विभाग द्वारा किसानों से ऋण की वसूली किए जाने पर भी  विरोध जताया गया। संघ ने सवाल उठाया कि जब मुख्यमंत्री ने प्रदेश का दौरा कर सूखा प्रभावित तहसीलों और जिलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया है  तो वसूली स्थगित हो जाना चाहिए,  फिर दोनों विभाग किसानों से ऋण की वसूली के लिए कुर्की की सख्त कार्रवाई क्यों कर रहे हैं।इसे तुरंत रोका जाए।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सोयाबीन की फसल का बीमा जल्द देने, कृषि पंप योजना में निुशुल्क कनेक्शन देने और सूखा प्रभावित क्षेत्रों में वसूली स्थगित करने की मांगें तुरंत नहीं मानी गई तो भारतीय किसान संघ द्वारा 22 जुलाई को भोपाल में धरना दिया जाएगा और विधानसभा का घेराव किया जाएगा।

युवा किसान सम्मेलन पर चर्चा
भारतीय किसान संघ की प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में  19 सितंबर को प्रस्तावित ” युवा किसान सम्मेलन" की रूपरेखा पर भी विचार हुआ। मप्र में पहली बार होने जा रहे सम्मेलन में युवा किसानों को एक ही जगह पर खेती से अलग लघु और कुटीर उद्योग लगाने से संबंधित जानकारी मिलेगी। किसान संघ द्वारा युवा किसानों को खेती के अलावा इससे जुड़े व्यवसाय शुरू करने की अभिनव पहल में प्रदेश के कोने-कोने से ज्यादा से ज्यादा किसानों को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। 

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