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मनरेगा के कामों में भ्रष्टाचार का यह मामला होशंगाबाद जिले के केसला, होशंगाबाद, सोहागपुर व बनखेड़ी जनपद पंचायतों का है। होशंगाबाद जनपद के बुधवाड़ा पंचायत के निर्माण कार्यों के जांच कराए जाने पर सीईओ अभिजीत अग्रवाल ने पाया कि तत्कालीन सरपंच मांगीलाल और तत्कालीन निलंबित सचिव प्रदीप शर्मा ने संयुक्त रूप से 4 लाख 26 हजार 778 रुपए का भ्रष्टाचार किया है। इस मामले में मांगीलाल, प्रदीप शर्मा और उपयंत्री राकेश शर्मा के विरुद्ध एफआईआर के आदेश दिए गए।
इसी तरह ग्राम पंचायत सोनासावरी में सरपंच विनोद पटेल, सचिव शोभाराम चौरे तथा ग्राम रोजगार सहायक संदीप जगेत ने सवा लाख रुपए से अधिक की अनियमितता की थी। इन मामलों में एफआईआर होती, इसके पहले ही आरोपियों ने अपर आयुक्त राजस्व होशंगाबाद के यहां अपील कर दी। अपर आयुक्त ने इस मामले में सीईओ के एफआईआर संबंधी आदेश को स्थगन आदेश देकर रोका तो सीईओ ने इसे अमान्य ठहराते हुए मानने से इनकार कर दिया।
मूलत: अविधिमान्य था आदेश
सीईओ जिला पंचायत अभिजीत अग्रवाल ने अपर राजस्व आयुक्त द्वारा चार मामलों में एफआईआर स्थगित करने के फैसले को मूलत: अविधिमान्य (वॉएड एब इनिशियो) आदेश बताया और उसे मानने से इनकार कर दिया।
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कलेक्टर के आदेश पर अपील सुनने का अधिकार अपर राजस्व आयुक्त को होता है। इसलिए सुनवाई की थी। होशंगाबाद के अफसरों ने नहीं माना तो सामने वाली पार्टी अवमानना के आधार पर कोर्ट जा सकती है। इसलिए दूसरा पक्ष कोर्ट गया होगा। यह रुटीन प्रक्रिया है।
एनपी डेहरिया,
प्रभारी अपर आयुक्त, नर्मदापुरम संभाग