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इस मीटिंग में नीतीश कुमार राज्यपाल की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान संघीय गणतांत्रिक परिवेश में इस पद की आवश्यकता ही नहीं है, फिर भी यदि यह किया जाना संभव न हो तब हमारा मानना है कि राज्यपालों की नियुक्ति के प्रावधान स्पष्ट एवं पारदर्शी होने चाहिए।
नीतीश ने कहा कि किसी व्यक्ति को राज्यपाल नियुक्त करने से पूर्व संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री का मंतव्य भी लिया जाना चाहिए और इस संबंध में सरकारिया आयोग द्वारा निर्धारित मापदण्ड लागू किये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल की नियुक्ति भले ही महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा की जाए, परन्तु राज्यपाल को समय से पूर्व हटाए जाने के संबंध में संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री का परामर्श अवश्य लिया जाए और इस परामर्श के लिए आवश्यक हो तो संविधान के अनुच्छेद 155 में संशोधन भी किया जाए।