
उन्होंने कहा, ‘1994 में भारतीय संसद में इस बारे में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें कहा गया था कि यदि कोई लंबित मुद्दा है तो वह यह है कि जम्मू कश्मीर के उस हिस्से को कैसे दोबारा प्राप्त किया जाए जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है।’ जितेंद्र सिंह हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद हिंसा के मद्देनजर कश्मीर के मौजूदा हालात पर पाकिस्तान की टिप्पणी को लेकर सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने आतंकवादी वानी को शहीद बताने वाले पाकिस्तान के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘कोई किसी को चाहे जैसा बताये, जहां तक भारत का सवाल है उसने एक से अधिक बार दोहराया है कि उसका आतंकवाद के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का रूख है।’’
उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया और कहा कि भारत के आंतरिक मामले में पाकिस्तान या किसी अन्य देश की ओर से किसी तरह के विदेशी हस्तक्षेप के लिए कोई जगह नहीं है।