पंजाब की सीएम केंडिडेट होंगी मिसेज केजरीवाल

नई दिल्ली। राजनीति में परिवारवाद पर उंगली उठाने वाली पार्टियों में शामिल आम आदमी पार्टी के मुखिया ने परिवारवाद की शुरूआत कर दी है। उन्होंने अपनी धर्मपत्नि सुनीता केजरीवाल को आईआरएस सेवा से वीआरएस दिलवा दिया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही वो पंजाब में सक्रिय होंगी और सही वक्त देखकर उन्हें सीएम केंडिडेट घोषित कर दिया जाएगा। 

आम आदमी पार्टी को पंजाब में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा अभी तक मिला नहीं है और भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर डोरे डालने का फार्मूला भी काम नहीं आया। उससे पहले ही भाजपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजकर उनकी नाराजगी दूर कर दी। ऐसे में पंजाब में आम आदमी पार्टी को एक साफ छवि का चेहरा चाहिए। 

एक सच यह भी सच है कि 'आप' की पहचान अरविंद केजरीवाल से है। ऐसे ने उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल यदि पंजाब में चेहरा बनकर आती हैं तो पार्टी को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है। पार्टी के बड़े नेता बताते हैं कि सुनीता केजरीवाल के पंजाब की राजनीति में लाने से लोगों के बीच संवाद आसान हो जाएगा। पंजाब की जनता को यकीन दिलाने की राह भी आसान हो जाएगी कि जितने भी वादे वहां की जनता से किए जाएंगे, सभी पूरे होंगे। 

दिल्ली में भी केजरीवाल ने सत्ता में आते ही हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ़्त और बिजली के बिल आधे करने के वादे को पूरा कर दिया था। पंजाब में भी यही यकीन जीतने वाला नेता चाहिए, जो सुनीता केजरीवाल से बेहतर शायद ही कोई होगा। इसीलिए आगामी कुछ दिनों में वह पंजाब सड़कों पर नजर आने वाली हैं।

पार्टी हारी तो राज्यसभा
पार्टी नेता बताते हैं कि पंजाब में यदि आम आदमी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं आती है तो सुनीता केजरीवाल को राज्यसभा भेजा जाएगा, ताकि वहां पार्टी की आवाज़ उठाने वाला मजबूत नेता मिल सके। अभी आम आदमी पार्टी के लोकसभा में चार सांसद हैं, लेकिन राज्यसभा में कोई नहीं है। दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटें हैं और कांग्रेस पार्टी नेता जनार्दन द्विवेदी, परवेज़ हाश्मी और डॉ कर्ण सिंह अभी दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रहें हैं। इनका कार्यकाल 27 जनवरी 2018 को पूरा हो रहा है। ऐसे में पंजाब में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर राज्यसभा जाना तो तय है।  

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