अफसरों ने छीन लिए मंत्रियों के विभाग, यशोधरा को मिली तुनकमिजाजी की सजा

Bhopal Samachar
भोपाल। मप्र की राजनीति में शायद यह पहली बार हुआ है कि अफसरशाही आधा दर्जन मंत्रियों पर भारी पड़ गई। जितने भी मंत्रियों के विभाग बदले गए, सारे के सारे आईएएस अफसरों से विवाद के चलते बदले गए। प्रमुख सचिव सुलेमान यशोधरा राजे से नाराज थे, सो उद्योग विभाग छीन लिया। सीएम हाउस ने भी उन पर तुनकमिजाजी का आरोप लगाते हुए इस बदलाव को सही ठहराया है जबकि यशोधरा इस निर्णय से खासी नाराज हैं। 

सुलेमान ने छीना यशोधरा से उद्योग विभाग 
उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान के बीच शुरू से ही पटरी नहीं बैठी। अपने को बंधा हुआ महसूस कर रहे सुलेमान ने मुख्यमंत्री को काफी पहले बता दिया था। 

अश्वनी राय ने महदेले का विभाग बदलावाया
पीएचई मंत्री कुसुम सिंह महदेले और विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव अश्वनी राय में पटरी नहीं बैठी। कुछ समय पहले राय को पीएचई विभाग से हटाकर महदेले के पाले में ही रखते हुए पशुपालन विभाग का पीएस बनाया गया। महदेले की कार्यप्रणाली से कई और आईएएस अफसर खुश नहीं थे। अन्तत: इस झगड़े में मंत्री के कई विभाग बदल दिए गए। विभाग बदलने से अश्वनी राय को फायदा मिला है। राय अब पशुपालन विभाग देखते रहेंगे।

मलैया, जोशी और गुप्ता भी अफसरशाही के शिकार
जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया और एसीएस राधेश्याम जुलानिया के बीच भी कई बार फाइलों को निबटाने को लेकर मनमुटाव हुए। अब मलैया से जल संसाधन विभाग ले लिया गया है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री रहे दीपक जोशी ने भी अधिनस्थ अफसरों पर दबाव बनाया था। उन्हें भी विभाग से अलग कर दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री के तौर पर उमाशंकर गुप्ता ने कई कठोर निर्णय लिये थे। ट्रांसफर-पोस्टिंग में कड़ा रुख अपनाया था।

यशोधरा राजे की तानाशाही से सब हैं नाराज
मंत्रिमंडल में खुद से उद्योग विभाग छीने जाने से मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया बेहद नाराज बताई जाती है। अपनी नाराजगी से उन्होंने सीएम को भी अवगत करा दिया है। सूत्रों की माने तो यशोधरा को बताया गया है कि उनके तानाशाही और अड़ियल रवैये से अफसर खुश नहीं है और उन्होंने उनके साथ काम न कर पाने की बात सीएम से कही थी। कुछ उद्योगपतियों ने भी उनके व्यवहार की शिकायत सीएम से की थी। जिसके बाद उनका विभाग बदल दिया गया।

एक आईएएस और तीन मंत्री
इधर, एक ऐसा भी संयोग बना है कि आईएएस मनीष रस्तोगी को अब तीन मंत्रियों को संभालना पड़ेगा। ये मंत्री लोक निर्माण विभाग के रामपाल सिंह, आईटी के उमाशंकर गुप्ता और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव हैं। रस्तोगी तीनों विभागों में पदस्थ हैं।

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