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सुनवाई के दौरान राम रहीम के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल पिछले 10 साल से आरोप झेल रहे हैं। इन दिनों महिलाएं पैसों की उगाही के लिए इस तरह के आरोप लगाती हैं। वरिष्ठ वकील की इस दलील पर पीठ ने बेहद आपत्ति जताई। पीठ ने कहा, 'आप पहले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जो यह आरोप झेल रहे हैं। महिलाओं के लिए इस तरह का कमेंट नहीं किया जाना चाहिए।' पीठ ने कहा कि हम आपके अनुयाई नहीं है।
इससे पहले आरोपों पर सवाल उठाने वाली याचिका में पीड़िता के उस पत्र का हवाला दिया गया, जिसमें उसने राम रहीम को 'पिताजी' से संबोधित किया था। भूषण ने इस पत्र को बेहद अहम बताते हुए कहा कि यह उनके मुवक्किल पर लगे आरोपों को गलत साबित करता है। सीबीआई ने वर्ष 2002 के उस गुमनाम खत के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, जिसमें कथित तौर पर 1999 की घटना का जिक्र है।