नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की आयकर संबंधी जानकारी मांगने के मामले में निचली अदालत के फैसले को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने पलट दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए आज स्वामी की मांग को अस्वीकार करते हुए सोनिया और राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। अब सोनिया और राहुल से जुड़े कागजात सुब्रहमण्यम को नहीं दिए जाएंगे।
इस मामले में कोर्ट ने स्वामी को फटकार लगाते हुए कहा कि उन्होंने मौखिक रूप से आवेदन किया और निचली अदालत ने भी मौखिक रूप से फैसला दिया और दूसरे पक्ष को सुना ही नही। इसलिए हाईकोर्ट ने स्वामी को इस मामले से जुड़े कोई भी कागजात देने से मना कर दिया।
कोर्ट ने इस मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि सीआरपीसी की धारा 91 के तहत किसी भी अदालत द्वारा आदेश देने से पहले आरोपी पक्ष को सुना जाना जरुरी है, जबकि इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने 11 मार्च को नेशनल हेराल्ड मामले में स्वामी की उस मांग को स्वीकार कर लिया था जिसमें उन्होंने इससे संबंधित कागजात उन्हें मुहैया कराए जाने की मांग की थी। कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए स्वामी ने कहा था कि इस मामले की सुनवाई के लिए जरूरी है कि उन्हें इंडियन नेशनल कांग्रेस, एसोसिएट जर्नल की 2010 से 2013 तक की बैलेंस सीट के साथ आय व खर्चों का व्योरा दिया जाए। स्वामी ने इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे व सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया है।
मालूम हो कि गत 20 फरवरी को भी कोर्ट ने डीडीए सहित अन्य विभाग से इस मामले से जुड़े कुछ कागजात को समन करके मंगवाया था। जिनको सील कवर में रखा गया है, क्योंकि गांधी व अन्य की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले को सीज कर लिया था।