उपदेश अवस्थी/भोपाल। मैं कट्टरवाद का विरोधी हूं, लोकतंत्र में आस्था रखता हूं और अपराधियों के हाथ काटने या आंख फोड़ने वाले कानूनों से भी सहमत नहीं हूं। मेरा विश्वास है कि सहिष्णुता का नाम ही हिंदुत्व है और यही हिंदुस्तान की पहचान है। इस सरजमीं के कण कण में व्याप्त प्रेम का ही प्रताप है कि यहां कभी साम्प्रदायिक दरारें पनप नहीं पाईं। इस प्रिय भारतवर्ष में मेरी विचारधारा से सहमत लाखों युवा हैं जो राजनीति से इतर अपने अपने पारिवारिक एवं व्यवसायिक धर्मों का पालन कर रहे हैं परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि हमारा खून, पानी हो गया है। उसमें उबाल भी नहीं आता। हम विकास चाहते हैं, लेकिन जिल्लत की कीमत पर नहीं। जो होगा सो देखा जाएगा। प्रिय मोदी जी, समर शंख फूंक दो, वो क्षमा मांगे तब भी मत देना। अब केवल कश्मीर नहीं, पूरा पाकिस्तान चाहिए, ताकि आने वाले 50 साल तनाव में ना बीतें।
हम जानते हैं कि युद्ध कभी सुखद नहीं होता। आज के ग्लोबल वर्ल्ड में तो यह बहुत खतरनाक है। यह जानते हैं कि इससे जो विध्वंस होगा सो होगा, महंगाई बढ़ जाएगी। बीमारियां फैलेंगी। महामारियों में लोग मारे जाएंगे। कई तरह के प्रतिबंध लग जाएंगे। डॉलर की कीमत 100 या शायद 150 हो जाएगी। भारत एक झटके में 50 साल पीछे चला जाएगा। शायद हम विकासशील देशों की सूची से निकलकर गरीब देशों की सूची में आ जाएंगे।
लेकिन प्रिय मोदीजी, इससे कम से कम एक बात अपने हित की होगी और वो यह कि पड़ौसी रोज रोज का तनाव नहीं दे पाएगा। मैं आपको इस देश के 40 करोड़ युवाओं की तरफ से आश्वस्त करता हूं कि हममें से जितने भी जिंदा बचेंगे। आने वाले 20 सालों में, 100 साल से ज्यादा की तरक्की करके दिखाएंगे। सारी दुनिया हमारे कौशल का लोहा मानती है। हम पूरी दुनिया में कारोबार करेंगे। भारत को विकासशील नहीं, विकसित देश बना देंगे। प्रिय मोदीजी, हमने आपकी बात पर भरोसा किया था, आप हमारी बात पर भी भरोसा कीजिए।
हम फैसला करेंगे तो चीन को भी फेसला करना पड़ेगा और चीन फैसला करेगा और अमेरिका और रूस भी चुप कैसे बैठ पाएंगे। ड्रेगन की दोस्ती पर इतरा रहे पाकिस्तान को समझ आ जाएगा कि जिस दुनिया में डायनासोर जिंदा नहीं रहे, ड्रेगन उसे कैसे बचाएगा, यदि आगे आया तो खुद खतरे में आ जाएगा। विनम्र अनुरोध है, कृपया फैसला कीजिए और इस बार सेनाएं वापस मत बुलाइएगा। हमें इस्लामाबाद में अपने कारोबार की ब्रांच खोलनी है और बच्चों को लाहौर भी तो घुमाना है।