नई दिल्ली। सिंगापुर के निवेशकों को मध्य प्रदेश की तरफ आकर्षित करने पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया गया। इसके लिए महंगे उपहार बांटे गए। प्रतिनिधिमंडल के साथ चौहान की पत्नी साधना सिंह भी सिंगापुर गई थीं। यह साफ नहीं हो पा रहा है कि 12 से 16 जनवरी के बीच हुई यात्रा में साधना सिंह की भूमिका क्या थी और उनका खर्च किसने वहन किया।
इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय को अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सिंगापुर यात्रा के परिणाम की जानकारी नहीं है। सरकारी विदेश दौरे के बाद रिपोर्ट सौंपने की व्यवस्था है। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अर्जी के जवाब में पता चला है कि विदेश मंत्रालय को इस संबंध में न तो मध्य प्रदेश सरकार से और न ही सिंगापुर में भारतीय दूतावास से कोई दस्तावेज मिला है।
आरटीआइ कार्यकर्ता अजय दुबे को फरवरी महीने में मिले जवाब से पता चलता है कि मुख्यमंत्री चौहान की सरकारी यात्रा पर 1.39 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। यह राशि मध्य प्रदेश व्यापार एवं निवेश सरलीकरण कारपोरेशन लिमिटेड (टीआरआइएफएसी) द्वारा मुहैया कराया गया था। इतना ही नहीं सिंगापुर के संभावित निवेशकों को 41,499 रुपये के उपहार भी सौंपे गए थे।
टीआरआइएफएसी को सौंपी गई आरटीआइ अर्जी के जवाब में बताया गया कि ये उपहार मृगनयनी मध्य प्रदेश इंपोरियम और एमपी लघु उद्योग निगम लिमिटेड द्वारा मुहैया कराए गए थे। ये दोनों संगठन मध्य प्रदेश सरकार के स्वामित्व वाले हैं।
निवेशकों को दिए गए उपहारों में 22,291 रुपये की चार साड़ियां और 11,718 रुपये के 20 लाफिंग बुद्ध मूर्तियां भी शामिल थी। इतना ही नहीं संत रविदास एमपी हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम से 7,490 रुपये के पांच चादरें खरीदी गई थी। इन सबका नतीजा क्या निकला अभी तक ज्ञात नहीं है।