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विक्रमतुंगे एक निजी समाचार पत्र ‘संडे लीडर’ के संस्थापक संपादक थे। उनकी जनवरी, 2009 में एक उच्च सुरक्षा वाले इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
विक्रमतुंगे श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कड़े आलोचक थे। राजपक्षे ने हालांकि विक्रमतुंगे की हत्या में हाथ होने से इनकार कर दिया है।
जनवरी, 2015 में श्रीलंका के राष्ट्रपति बने मैत्रिपाला सिरिसेना ने विक्रमतुंगे की हत्या के मामले की जांच फिर से शुरू करवाई है।