
आईआईटी दिल्ली के बायोकेमिकल इंजीनियरिग सेंटर और एम्स के एंडोक्रिनोलॉजी व बायोकेमिकल इंजीनियरिग विभाग के विशेषज्ञ मिलकर इस पर शोध कर रहे हैं। थूक से मधुमेह की जांच के लिए एक खास तरह की मशीन का इस्तेमाल होगा जिसे आइआइटी, दिल्ली ने तैयार किया है। शुरुआती ट्रायल के परिणाम उत्साहजनक हैं।
शोध में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि बीमारी के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर दुनिया भर में मधुमेह की जांच को आसान बनाने के लिए शोध हो रहे हैं ताकि इसकी जांच सुरक्षित और बिना परेशानी के हो सके। मौजूदा समय में मधुमेह की जांच के लिए स्ट्रिप लगाकर खून निकालना पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि यह तकनीक भी आसान है, लेकिन स्ट्रिप या निडिल से मरीज को संक्रमण होने का खतरा रहता है। इसलिए ऐसी तकनीक की जरूरत है, जो आसान हो और उससे किसी तरह का खतरा भी न हो। थूक में ऐसे हार्मोन, एंजाइम आदि होते हैं, जो रक्त में पाए जाते हैं। इसलिए दोनों संस्थानों में मिलकर थूक से मधुमेह की जांच पर शोध शुरू किया।