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मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरविंदर सिंह ने निर्देश जारी किये। उन्हें एक अधिकारी ने सूचित किया था कि स्मृति ईरानी द्वारा उनकी शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दाखिल दस्तावेजों का पता नहीं चल रहा। चुनाव आयोग से मूल दस्तावेज रिकॉर्ड में लाने को कहा गया था क्योंकि शिकायती का आरोप था कि 2004 में चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए आयोग के समक्ष दाखिल स्मृति के हलफनामे में उन्हें स्नातक बताया गया था।
अधिकारी ने अदालत में कहा कि स्मृति की शैक्षणिक योग्यता के संबंध में उनके द्वारा दाखिल मूल दस्तावेजों का पता नहीं चल रहा लेकिन इस संबंध में जानकारी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके बाद अदालत ने अधिकारी को मामले में उसके समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तारीख तय की।
अदालत ने पिछले साल 20 नवंबर को फ्रीलांस लेखक और फरियादी अहमर खान की याचिका को विचारार्थ स्वीकार कर लिया था जिसमें चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को स्मृति की योग्यता से सबंधित रिकॉर्ड लाने का निर्देश देने की मांग की गयी थी। खान ने कहा था कि वह उन कागजों को अदालत के समक्ष पेश नहीं कर सके।
शिकायती ने दावा किया था कि स्मृति ने जानबूझकर 2004, 2011 और 2014 में चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल अपने हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में भिन्न-भिन्न जानकारी दी थी और इस मुद्दे के उठने के बावजूद कोई सफाई नहीं दी।