भोपाल। मप्र के नए शिक्षामंत्री विजय शाह कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिससे उन्हें वर्षों तक याद किया जाए। प्रदेश के स्कूलों में पढ़ाने वाले लोगों को अंग्रेजी में तो टीचर ही कहते हैं परंतु मप्र के सरकारी दस्तावेजों में, अतिथि शिक्षक, गुरूजी, संविदा शिक्षक, अध्यापक और शिक्षक के पदनाम से जाना जाता है। विजय शाह इस भ्रांति को दूर करना चाहते हैं। वो चाहते हैं कि सभी टीचर्स एक सम्मानजनक नाम से पुकारे जाएं और इसके लिए 'राष्ट्र निर्माता' से बेहतर क्या होगा।
शिक्षा मंत्री विजय शाह ने नई दिल्ली में रविवार को यह घोषणा की। वे वहां मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मिलने पहुंचे थे। शाह ने जावड़ेकर को मप्र के शिक्षा जगत में किए जा रहे नवाचार के बारे में बताया। उन्होंने कहा- इन्हें गुरुजी, संविदा शिक्षक, अध्यापक, सहायक शिक्षक के नाम से संबोधित किया जाता है। मप्र में स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों का गौरव और हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का ड्रेस कोड लागू करने जा रहा है। ड्रेस कोड के साथ नेम प्लेट पर नाम से पहले राष्ट्र निर्माता अंकित किया जाएगा।
ये नवाचार भी बताए
मप्र के सरकारी स्कूलों में वितरित किए जाने वाले गणवेश की सिलाई गांव की महिलाओं के स्वसहायता समूहों से कराई जाएगी। साथ ही छात्राओं को दी जाने वाली साइकिल एक ही रंग और भारतीय कंपनी की ही होगी।