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गौरतलब है कि कानपुर में बिटूऱ में गंगा तट पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का कार्यक्रम हो रहा है। कार्यक्रम स्थल के मुख्य गेट पर हंगामा हो गया। अविरल गंगा, निर्मल गंगा कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक रामजी त्रिपाठी को स्वंयसेवकों ने धक्कामुक्की कर गेट से धकिया कर बाहर कर दिया। वे संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलकर कानपुर में गंगा की दुर्दशा के बारे में बताना चाहते थे। इसके बाद वे गेट पर ही अनशन पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि अब मैं मोहन भागवत से मिले बिना नहीं जाऊंगा।
रामजी त्रिपाठी ने कहा कि राजनीतिक लोग गंगा पर राजनीति कर उसे और प्रदूषित कर रहे हैं। निर्मल गंगा पर काम नहीं हो रहा है। त्रिपाठी ने कहा कि मोहन भागवत गंगा तट पर आए हैं। चार दिनों से बैठक कर रहे हैं लेकिन गंगा पर एक भी दिन चर्चा नहीं हुई। मैं उनसे मिलकर गंगा की दुर्दशा बताता चाहता था, लेकिन स्वयंसेवकों ने मुझे मिलने नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि जब गंगा मंत्रालय बना, तो करोड़ों लोगों की आंखों में उम्मीद आ गई। त्रिपाठी ने कहा कि दो साल पहले मेरी गंगा पर मोहन भागवत से बात हुई थी। उन्होंने गंगा को लेकर मुझे आश्वासन दिए थे। त्रिपाठी ने कहा कि मैं 2003 से रोजाना गंगा स्नान कर रहा हूं। अब गंगा की स्थिति और भी ख़राब होती जा रही है। गंगा स्नान करने लायक नहीं रही। गंगा में अब आचमन करना भी मुश्किल हो गया है।