मप्र में यूनीफार्म सर्विस के लिए आयु विवाद खत्म

भोपाल। मप्र में यूनीफार्म सर्विस के लिए यह चला आयु विवाद खत्म हो गया। सरकार ने सभी प्रकार की यूनीफार्म सर्विस के लिए आयुसीमा 21 वर्ष से 28 वर्ष तय कर दी है। आरक्षण से जुड़ी श्रेणियों में भी अधिकतम आयु 38 साल होगी। अब तक यह अलग-अलग विभागों में यह 45 वर्ष तक है। संबंधित विभागों पुलिस (गृह), आबकारी (वाणिज्यिक कर), जेल, परिवहन और वन विभाग के लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिए। इन विभागों में हर साल 15 से 20 हजार भर्तियां होती हैं। 

मप्र पुलिस में न्यूनतम आयु 20 व अधिकतम 25 वर्ष थी। इसी तरह फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती में भी सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम व अधिकतम आयु सीमा 18 से 30 वर्ष है। इस विसंगतियों को देखते हुए काफी समय से विचार चल रहा था। क्योंकि कई अत्यधिक पढ़े-लिखे अभ्यर्थी फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी में इसलिए आ जाते थे, क्योंकि नौकरी मिलने के बाद अन्य परीक्षाओं में बैठने के लिए पांच साल का एक्सटेंशन मिल जाता था। इसी तरह यदि वह आरक्षित वर्ग से है तो पांच साल और मिल जाते हैं। 

सिपाही, फॉरेस्ट गार्ड जैसे इन पदों के लिए यह विचार आया कि भर्ती होने के बाद दो साल की ट्रेनिंग होती है। ऐसे में व्यक्ति पहले ही भाग-दौड़ के काबिल नहीं रहता। इसलिए सीधी भर्ती के लिए आयु सीमा का नए सिरे से निर्धारण हो। इसी आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने नए निर्देश जारी किए।

तीन साल पहले ये था आदेश
3 नवंबर 2012 को आदेश निकला था। इसमें राज्य सरकार की समस्त सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष तथा आरक्षित वर्ग (अजा, अजजा व ओबीसी), शासकीय सेवक, निगम-मंडल, नगर सैनिक व महिलाओं के लिए 45 वर्ष थी। अधिकतम आयु सीमा में की गई वृद्धि से पुलिस, वन विभाग, आबकारी व जेल विभाग को बाहर रखा गया था। अब इसे नए सिरे से रिवाइज किया गया है।

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