दमोह। वित्तमंत्री जयंत मलैया ने अनुभवी अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति में प्राथमिकता के आदेश दिए हैं, फिर चाहे उनकी योग्यता गैर अनुभवी से कुछ कम ही क्यों ना हो। रविवार को प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया से कुछ अतिथि शिक्षक मिलने पहुंचे और इस बात से अवगत कराया। जिस पर संज्ञान लेते हुए मंत्री श्री मलैया ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को फोन पर पुराने अतिथि शिक्षकों के अनुभव को देखते हुए उन्हें नियुक्त करने के लिए निर्देशित किया।
दरअसल, कोई स्पष्ट आदेश न होने के कारण शासकीय स्कूलों में नए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति परसेंटेज बेस पर की जा रही थी और पिछले कई साल से स्कूलों में पढ़ा रहे पुराने अतिथियों की नियुक्ति नहीं की जा रही थी। प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी भी हर बार इन अतिथियों से कह रहे थे कि योग्यता के आधार पर ही नए अतिथियों की नियुक्ति की जाएगी। शिक्षा स्थाई समिति की बैठक में भी जिपं उपाध्यक्ष रामबाई के सामने यह मुद्दा उठाया गया था।
जिस पर पीपी सिंह ने स्पष्ट कहा था कि अच्छे परीक्षाफल को देखते हुए पुराने अतिथियों को नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन प्राचार्यों को इस तरह के कोई निर्देश श्री सिंह के द्वारा नहीं दिए गए। जिससे पुराने अतिथि शिक्षकों को स्कूल से अलग कर नए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई थी।
रविवार को कुछ अतिथि शिक्षक वित्तमंत्री जयंत मलैया से मिलने उनके आवास पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी पीड़ा बताई। इन अतिथि शिक्षकों की बात सुनकर श्री मलैया ने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को फोन लगाकर कहा कि जब इन अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता थी तब इनकी सेवाएं ली गईं आज इन्हें बाहर क्यों किया जा रहा है। उन्होंने डीईओ से कहा कि प्राथमिकता के आधार पर पुराने अतिथि शिक्षकों को नियुक्त किया जाए। जिसकी प्रक्रिया तीन दिन में पूरी हो जानी चाहिए।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह का कहना है कि वे आज ही सभी संकुल प्राचार्यों को आदेशित कर प्राथमिकता के आधार पर पुराने अतिथि शिक्षकों को नियुक्त करने के लिए आदेशित करेंगे।