
नहीं हो रहा मरम्मत कार्य
केवई नदी का एक हिस्सा बह जाने पर प्रशासन व ठेकेदार उस पुल पर ध्यान नही दे रहे है जबकि पहली बरसात में पुल का एक हिस्सा बह गया था वही इसी पुल से ही सारे अधिकारियो व जनप्रतिनिधियो का आना जाना भी होता है लेकिन किसी के द्वारा भी क्षतिग्रस्त हो रहे पुल के संबंध में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। तीन दशक से भी पुराने इस पुल की दुर्दशा को सुधारने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है।
बाढ़ से खतरा
केवई नदी पर कई छोटे-बडे नदीयों का पानी आता है और जब केवई नदी पर पानी आता है तो तेज बाढ का रूपे ले लेती है जिसमें पुल की बहने की अंशका और बढ जाती है। गौरतलब है की अनूपपुर से मनेन्दगढ को जाने वाली एक मात्र एनएच ७८ की रास्ता है जिस पर दिन रात बाहनो का आना जाना लगा होता है। लेकिन पुल पर पानी अधिक होने पर कभी पुल बह सकता है और राहगिरो के साथ दुर्घटना घट सकती है।
शेष जिले से कटेगा संपर्क
समय रहते पुल का मरम्मत नही कराया गया तो तेज बारिश होने पर पुल के बहने का खतरा रहेगा। जिस कारण से आवागमन बंद हो सकता है और आमजन को परेशानियों का सामना उठाना पडेगा। ऐसा नही की क्षतिग्रस्त पुल की जानकारी प्रशासन को न हो लेकिन प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्यवाही न होने से दुर्घटना कभी भी घटित हो सकती है।
इनका कहना है
केवई पुल की क्षतिग्रस्त की जानकारी नही है अगर पुल क्षति ग्रास्त हो गया है तो निर्माण करा रहे ठेकेदार को पुल की मरम्मत कराई जाएगी। जिससे कोई बडी दुर्घटना न हो।
आर.एन. सिंह, एसडीएम कोतमा