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दिग्विजय ने कहा कि जो संस्था बिना पंजीकरण के चल रही हो उसे बैन करने के लिए कोई सवाल ही नहीं बनता। कई दफा संघ को बैन करने की बात इसलिए उठ चुकी है, क्योंकि संघ का रजिस्ट्रेशन ही नहीं है। ऊना में दलितों की पिटाई के पीछे भी दिग्विजय ने आरएसएस का हाथ बताया।
इससे पहले भी दिग्विजय सिंह संघ को चुनौती दे चुके हैं कि यदि वो भारत में एक पंजीकृत संस्था है तो अपनी जानकारी सार्वजनिक करे। उन्होंने दावा किया था कि आरएसएस एक अवैध संगठन है जो बिना पंजीकरण के इतने सालों से चलता आ रहा है। इस बार उन्होंने संघ को मिलने वाले चंदे का हिसाब मांगा है। सवाल यह भी है कि संघ ने बैंकों में किस नाम से खाते खुलवाए हैं और यदि नहीं खुलवाए तो क्या सारा काम नगदी में हो रहा है। क्या तमाम चंदे की रकम सुरक्षित रखने के लिए संघ ने भी कुछ ऐसे ही इंतजाम किए हैं जो उसे गैरकानूनी संगठनों की श्रंखला में खड़े करते हैं।