
विधानसभा में पूछे गए इस सवाल के जवाब पर लंबी चर्चा छिड़ गई। विधायक पटेल ने गृह मंत्री से सवाल किया था कि 2014 से अभी तक सीहोर जिले में कितने आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। उनका कारण क्या है। किस साधन या तरीके से आत्महत्या की गई। आत्महत्या के लिए उपयुक्त की गई सामग्री कहा से विक्रय की गई और उन सामग्रियों के विक्रय के रोक को लेकर शासन स्तर पर क्या कार्रवाई की गई है। इसके जवाब में गृहमंत्री ने जो जवाब दिया। वो बड़ा ही चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि जिले तीन लोगों ने भूत प्रेतों के कारण आत्महत्या की है।
प्रदेश में आनन्द विभाग की स्थापना के बाद जो तथ्य और खबरे निकल कर सामने आ रही है, वे एक लाचार सरकार द्वारा हकीकत को भुलाने के लिए एक और सपना दिखने की कोशिश है | व्यापम एग्रो महिला अपराध के आंकड़ों जैसे बड़े कांडों से कौन आनन्द में है ? मुख्यमंत्री के ग्राम जेत के पास परेशान महिला द्वारा शिशु सहित आत्मदाह की खबरे देर से आई। भोपाल में बाढ़ सहायता के नाम पर दिए गये 50 किलो गेंहू में 20 किलो मिटटी किसे आनन्दित कर रही है। नये विभाग के भुलावे देने से बेहतर है पुराने विभागों को मुस्तैदी से काम पर लगाना। पता नहीं सरकार की विभागों की मुस्तैदी पर नजर क्यों नहीं है। जो मुस्तैद नहीं होते हैं बहाने करते हैं और उन्हें बहानेबाजी में आनंद आता है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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