
13 जून 1999 को भारतीय वायुसेना पाकिस्तान को पूरी तरह ध्वस्त करने की तैयारी में थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सारे खास क्षेत्रों को निशाना बनाकर घेर लिया था। 16 विमानों को हमले के लिए रूट मेप समझा दिया गया था और यह भी तय कर लिया गया था कि फंसने की स्थिति में खुद को किस प्रकार बचाया जाएगा।
भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री सरताज अजीज को बता दिया था कि हम हमला करने जा रहे हैं। उन्हें बताया गया था कि अगर हमला रोकना चाहते हैं, तो कारगिल से आतंकियों को हटाया लिया जाए और भारतीय जवानों को यातना देने वालों को सजा दी जाए। कई और मांगे थीं। पाकिस्तान ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। बातचीत बंद हो गई। बताया जाता है कि पाकिस्तान भी भारत से होने वाले हमले के लिए तैयार था। हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था।
इधर भारतीय वायु सेना पाक हमले के अपने मिशन को लेकर तैयार थी, लेकिन हमले के आदेश नहीं आए। सेनाएं लंबे समय तक इंतजार करती रहीं।