भोपाल। वन विभाग में दैनिक वेतन भोगियों का शोषण रोकने एवं उन्हें नियमित कराए जाने के लिए मप्र वन दैनिक वेतन कर्मचारी संघ आंदोलन की तैयारी कर रहा है तो दूसरी ओर मलेरिया विभाग में दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ मप्र कर्मचारी मंच आंदोलन करने जा रहा है।
वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी भी नियमित होने चाहिए
मप्र वन दैनिक वेतन कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष आमोद तिवारी ने यह जानकारी एक पत्रकार वार्ता में आज सोमवार को दी। संघ के प्रांताध्यक्ष आमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के बाद सेवा में आए अन्य वर्ग के कर्मचारी नियमित किए जा रहे हैं। संविदा कर्मचारियों, शिक्षा कर्मियों, गुरुजीयों आदि को भी नियमित किया जा रहा है। इसके अलावा कुछ अन्य विभागों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी नियमित किया गया है। मगर वन विभाग मे 20 साल से कार्य कर रहे दैनिक वेतन भोगियों को नियमित नहीं किया गया है।
कर्मचारी नेता आमोद तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय की सरकार को याद दिलाते हुए कहा जिसमें दैनिक वेतन भोगियों को नियमित करने को कहा गया है। कर्मचारी संघ ने आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करने के लिए सभी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की तरफ से एक याचिका लगाने जा रहा है। आंदोलन के दूसरे चरण में संघ नियमितीकरण की मांग को लेकर वित्त मंत्री को ज्ञापन देगा। इसके अलावा जिलास्तर पर भी धरना प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
नियमितीकरण में भ्रष्टाचार के खिलाफ भूख हड़ताल का ऐलान
भोपाल। मलेरिया शाखा में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमतीकरण में हुए भ्रष्टाचार के विरोध में मप्र कर्मचारी मंच जिला मलेरिया कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेगा। मप्र कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष अशोक पाण्डेय ने इस आंदोलन की जानकारी आज सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में दी। पाण्डेय ने आरोप लगाया कि मलेरिया विभाग के 27 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में से केवल उन चार कर्मचारियों को नियमित किया गया है जो मंत्री और अफसरों के बंगले में काम कर रहे थे।
पाण्डेय ने आगे आरोप लगाया कि इन चारों कर्मचारियों के नियमतीकरण में वरिष्ठता और पात्रता के नियम का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है। कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पाण्डेय ने मांग की है कि बांकी बचे 24 वरिष्ठ और पात्र दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी सरकार नियमित करे। कर्मचारी मंच में सरकार को 15 दिन का समय देते हुए कहा है कि नियमतिकरण की उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह जिला मलेरिया कार्यालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।