मप्र के इस गांव में शादियां नहीं होतीं, लगा है प्रतिबंध

बीना। बीना ब्लॉक के भानगढ़ थाना क्षेत्र का गुरयाना गांव शायद दूसरा होगा जहां कोई भी परिवार अपने बेटा-बेटियों की शादी गांव से नहीं कर सकता। कारण, एक बेटे ने अपने पिता की हत्या कर दी थी। इस मामले में पांच साल पहले पंचायत ने फैसला सुनाया था कि आज के बाद गांव में शादी-समारोह सहित अन्य आयोजन नहीं होंगे। पांच साल पहले हुए पंचायत के इस फैसले को गांव के लोग आज भी मान रहे हैं और बेटा-बेटियों की शादी आसपास के गांव में जाकर करते हैं।

रविवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें पंचायत का वह फैसला गुरयाना के अलावा बाकी लोगों को पता चला। दरअसल, गुरयाना निवासी दुर्जन आदीवासी की दो बेटियां रैना (20) व आरती (21) की शादी ललोई (रजवांस) गांव निवासी बलराम आदिवासी के बेटे प्रतिपाल (22) व निरंजन पिता गोपी आदिवासी (23) के साथ तय हुई थी। विवाह मुहूर्त शनिवार (9 जुलाई) को था।

गुरयाना में शादी-ब्याह पर पाबंदी
पंचायत के फैसले के पालन के लिए दुर्जन आदिवासी ने अपनी बेटियों की शादी भानगढ़ के पास एक वेयर हाऊस में करना तय किया। शादी की तैयारी पूरी हो गई थी लेकिन शनिवार को तेज बारिश होने से भानगढ़ और गुरयाना के बीच परासरी नदी का पानी पुल से करीब 3 फीट ऊपर बहने से रास्ता बंद हो गया। रास्ता बंद होने से वधु पक्ष शादी स्थल पर नहीं पहुंच सका। नीयत समय पर वर पक्ष के बाराती व दूल्हा वेयर हाऊस पहुंच गए।

वर पक्ष के बारातियों ने रात वेयर हाऊस में काटी और जब रविवार की सुबह करीब 10 बजे नदी उतरी तो दोनों पक्ष के लोग बीना के कटरा मंदिर आए और दूसरे दिन यानी रविवार को शादी कराई। ललोई के चौकीदार खुट्टन आदिवासी ने बताया कि गुरयाना में शादी-ब्याह पर पाबंदी लगी होने के कारण कटरा मंदिर पहुंचे और शादी हुई। 

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