भोपाल। मप्र में विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो गया है और अब शहडोल उपचुनाव की तैयारियां शुरू होने वाली हैं। इस बीच मप्र में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। इसमें कलेक्टर से लेकर प्रमुख सचिव तक कई अधिकारी बदले जाएंगे। इसी कारण 2007 बैच के चार आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण पर जाने से रोक दिया गया है। इन्हें कलेक्टर बनाया जा सकता है।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक इकबाल सिंह बैंस के अपर मुख्य सचिव बनने के बाद अब पूरी जमावट नए सिरे से होगी। इसमें मुख्यमंत्री सचिवालय स्तर पर भी कुछ बदलाव हो सकता है। उज्जैन, नरसिंहपुर, विदिशा, सहित कुछ जिलों के कलेक्टरों को बदला जा सकता है। 2007 बैच के ओपी श्रीवास्तव, आशीष सक्सेना, दीपक सिंह, रामाराव भोंसले को कलेक्टर बनाने की चर्चाएं हैं।
उज्जैन कलेक्टर कवीन्द्र कियावत को भोपाल में कहीं पदस्थ किया जा सकता है। उन्हें भोपाल कमिश्नर बनाने का विचार है। वे फिलहाल चार माह के प्रशिक्षण हैं। इसी तरह नर्मदापुरम और सागर में कमिश्नरों की तैनाती सरकार की प्राथमिकता है। दोनों संभागों में प्रभारी कमिश्नरों से काम चलाया जा रहा है। मंत्रालय में प्रमुख सचिव स्तर पर भी बड़े स्तर पर बदलाव होने के आसार हैं।
मंत्रियों की मर्जी चलेगी
इस प्रशासनिक सर्जरी में मंत्रियों की मर्जी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। नए मंत्री भी कुछ अधिकारियों को बदलना चाहते हैं। यह सबकुछ मिशन 2018 की तैयारियों को लेकर किया जाएगा ताकि किसी तरह की कोई परेशानी ना आए।
विधायकों की बात भी सुनी गई
मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायकों से वन-टू-वन मुलाकात में अधिकारियों का भी फीडबैक लिया। सूत्रों का कहना है कि विधायकों ने उनसे कुछ अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर आपत्ति भी जताई। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के एक विधायक ने बताया कि हमने पूरे जिले का कच्चा-चिठ्ठा मुख्यमंत्री के सामने रख दिया है। उन्होंने हमसे कामों को लेकर प्राथमिकता भी पूछी है।