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ज्ञात हो कि आज सबेरे भगवान शंकरजी के दर्शनों हेतु भीड लगी थी कि अचानक हल्ला मचा कि बच्चियां तालाब में डूब रहीं हैं खडे लोगों नें बच्चियों को निकाला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गुनौर लाये तो वहां पर डाक्टर नदारत था डाक्टर न होंनें के कारण परिजन बच्चियों को लेकर पन्ना गए जहां पर अस्पताल पहुंचते ही एक बच्ची को डाक्टरों नें मृत घेाषित कर दिया।
चूंकि गुनौर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग का ऐंसा बूचडखाना है जहां न तो समय पर नर्सो की सेवायें मिल पातीं हैं न ही डाक्टर के दर्ष दीदार हो पाते हैं जिला प्रशासन आंख बन्द करके सारी खाना पूर्तियों में व्यस्त रहता है मगर आज तक किसी नें जेहमत नहीं उठाई कि इस अस्पताल की बीमार व्यवस्था को सुधार सके परिजनों में यह रहरहकर कारण गुस्सा का बनता जा रहा है कि अगर यहां पर डाक्टर उपस्थित रहता तो बच्चयों की जान बच सकती थी।