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याद दिला दें कि मंत्रीमंडल से बाहर किए जाने के बाद से ही बाबूलाल गौर के समर्थक उनके बंगले पर जुट रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी उनसे मुलाकात की है। राजनीति के पंडितों का कहना है कि उम्र में वृद्ध हो चुके बाबूलाल गौर की हड्डियों में अभी काफी जोश बाकी है। वो राजनीति से सन्यास तो कतई नहीं लेंगे।
भोपाल में सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेता के रूप में पहचाने वाले बाबूलाल गौर भले ही अपने बयानों या हरकतों के कारण विवादों में रहे हों परंतु भोपाल के लिए जो कुछ उन्होंने किया, लोग उसे याद करते हैं और उनका जनाधार कतई कम नहीं हुआ है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि 75 से ज्यादा वालों को टिकट नहीं देंगे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बाबूलाल गौर किस तरह से सक्रिय रह सकेंगे, जबकि जीवन भर उन्होंने सिर्फ शुद्ध और खालिस, बिना भेदभाव वाली राजनीति की है।