अफसर पिता कमाते थे ब्लैकमनी, बेटे व्हाइट करते थे

Bhopal Samachar
भोपाल। लोकायुक्त जांच के दौरान एक सरकारी अफसर की काली कमाई को व्हाइट मनी में बदलने के मायाजाल का खुलासा हुआ था। पिताजी सरकारी अफसर थे, वो काली कमाई घर में लाते थे और उनके 2 बेटे उस काली कमाई को फर्जी कंपनियों के सहारे व्हाइट मनी में बदल देते थे। सरकार पर दवाब बनाने के लिए बेटों ने एक न्यूज चैनल भी खोल रखा था। 

भोपाल के अयोध्यानगर निवासी राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक डीएन शर्मा कई आरोपों से घिरे हैं। जब वे कृषि संचालक थे, तब 18 अगस्त, 2015 को लोकायुक्त ने उनके घर पर छापा मारा था। इसके बाद, लोकायुक्त पुलिस को डीएन शर्मा के खिलाफ तीन और अन्य शिकायतें की गई थीं, जिनकी प्राथमिक जांच चल रही है। छापे में कागजी कंपनियां संचालित करने, ब्लैक मनी ठिकाने लगाने जैसे कई मामले उजागर हुए। 

अपने पद का दुरुपयोग करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद भी डीएन शर्मा 30 जुलाई को सकुशल सेवानिवृत्त होने वाले हैं। विभाग ने उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। लोकायुक्त पुलिस को न तो विभाग से सहयोग मिल रहा है और न ही डीएन शर्मा जांच में सहयोग कर रहे हैं। इस कारण विवेचना भी धीमी गति से चल रही है। 

लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक शर्मा के घर पर मारे गए छापे में उनके दो बेटे गगन, गौरव और बहू कनिका शर्मा के नाम से 6-8 बोगस कंपनियों में निवेश के दस्तावेज मिले हैं।

ये हैं ब्रीफकेस (कागजी) कंपनियां 
  1. ताज एविएशन टूर्स एंड ट्रैवल्स, इसके संचालक गौरव शर्मा थे। दफ्तर एमपी नगर जोन-2 में था। 
  2. ताल मल्टीकॉन इंफ्रा डेवलपर्स, कंपनी अयोध्या नगर आवासीय मकान में संचालित हो रही थी। मकान डीएन शर्मा के नाम है। तलाशी के दौरान यहां कंपनी संचालन जैसा कुछ भी नहीं पाया गया। इस कंपनी को गौरव और गगन शर्मा चलाते थे। 
  3. गोपाचल एक्सपोर्ट-इंपोर्ट कंपनी, इसका संचालन गौरव और कनिका करते थे। 
  4. विजन सेटअप प्रालि कंपनी में भी गौरव-गगन शर्मा दोनों संचालित करते थे। 


चालान पेश होने पर करेंगे कार्रवाई 
शासन स्तर पर डीएन शर्मा के विरुद्ध तीन विभागीय जांचें स्थापित की गई हैं। एक में आरोप पत्र जारी किया गया है। सस्पेंशन की कार्रवाई इसलिए नहीं की गई, क्योंकि लोकायुक्त के छापे से संस्पेंड नहीं किया जा सकता। लोकायुक्त द्वारा चालान पेश करने पर ही सस्पेंड किया जा सकता है।  
राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव कृषि 

साक्ष्य एकत्र करने में समय लगता है 
छापे की विवेचना की जा रही है। इसकी जांच विवेचनाधीन है। दस्तावेज और साक्ष्य एकत्र करने में समय लगता है। विभाग से काफी दस्तावेज और जानकारी मिल गई। कुछ जानकारी जुटाना शेष है। विवेचना पूरी होने के बाद आरोप तय किए जाएंगे। प्राथमिकी की भी जांच की जा रही है।  
आरके मिश्र, एसपी, लोकायुक्त 

यह तो होता रहता है 
इस बारे में डीएन शर्मा का कहना है कि यह तो सब चलता रहता है, मुझे चार्जशीट नहीं दी गई है। लेकिन यह तो होता रहता है। 
इनपुट: राधेश्याम दांगी, पत्रकार, भोपाल

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