नारायण मिश्रा/सिहोरा। मध्यप्रदेश में दिन व दिन कर्मचारियों का टकराव सरकार के साथ बढता ही जा रहा है। एक तरफ आरक्षण्ा मुददे पर सरकार बैकफुट पर आ रही है। वही अब प्रदेश भर के शिक्षकों ने शिक्षा विभाग द्वारा ई अटेन्डेंस के लिए शुरू की गई एम शिक्षा मित्र एप्प का विरोध किया है। शिक्षक कांग्रेस ने एम शिक्षा मित्र एप्प का विरोध करते हुए कहा है कि एम शिक्षा मित्र एप्प का प्रयोग सिर्फ शिक्षा विभाग में ही लागू किया जा रहा है, अन्य विभागों में नही। यदि ऑनलाइन उपस्थिति की ही बात है तो शिक्षा विभाग में ही क्यो।
जब तक इस प्रकार की व्यवस्था सभी विभागों में लागू नही कि जाती है। एवम् शासन द्वारा एप्प चलाने के लिए मोबाइल , डाटा नेट पैक, का भत्ता आदि की व्यवस्था नही की जाती, तक हम इसे स्वीकार्य नही करेगें।
संगठनो ने ये रखे तर्क
आनलाइन उपस्थिति के लिए अन्य विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों के लिए भी शासन ऐसी ही व्यवस्था शुरू करे फिर शिक्षा विभाग एम शिक्षा मित्र एप्प को स्वीकार करेगा। अन्यथा मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के मंत्री इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी करें। जिसमे सभी अध्यापक सङ्गठनों ने अध्यापक, संविदा कर्मी , गुरूजी सहित सभी से अपील की है कि वे पूरे प्रदेश भर में इस एप्प का विरोध करें। जबकि मध्यप्रदेश में किसी विभाग द्वारा उपस्थिति को अनिवार्य करने के लिए सरकार ने भले ही अच्छे मन से शुरूआत की है । लेकिन अब इस व्यवस्था को सभी विभागो में शुरू करने की बात सामने आ रही है। जिसकी आवाज शिक्षकों के हितों के लिए लडाई लडने वाले संगठनो ने उठाई है। जिसमे कहा गया है यदि तत्काल व्यवस्था में सुधार नही किया गया तो हम पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगें भेदभाव बिल्कुल भी र्बदास्त नही किया जाता।