फ्रांस के दक्षिणी शहर नीस में फ्रांसीसी क्रांति के एक अहम दिन की याद में जारी जश्न के बीच एक चरमपंथी हमला हुआ जिसमें अबतक 80 लोगों की लाशें मिल चुकीं हैं। एक लॉरी लोगों की भीड़ में घुस गई और अधिकारियों के मुताबिक़ ड्राइवर इसे कम से कम दो किलोमीटर दूर तक दौड़ाता रहा।
पुलिस ने इस लॉरी के ड्राइवर को गोली मार दी। उन्हें लॉरी से बंदूक़ें और ग्रेनेड मिले हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने इसे एक आतंकवादी हमला क़रार दिया है और देश में पिछले साल से जारी आपातकाल को तीन माह और बढ़ाने का ऐलान किया है। हमले के बाद लोगों में भगदड़ मच गई, मारे जानेवालों में बच्चे भी शामिल थे।
साथ ही उन्होंने सीरिया और इराक़ में फ्रांसीसी कार्रवाई को जारी रखने का भी ऐलान किया है। फ्रांस के गृह मंत्री बैरनार कैज़नोव ने बताया है कि नीस हमले में मारे गए लोगों की तादाद 80 हो गई है. जो घायल हैं उनमें से 18 गंभीर हालत में हैं। कहा जा रहा है कि ड्राइवर मूलत: ट्यूनिशिया का था और नीस में ही रहता था। इस पूरे हमले की जांच की ज़िम्मेदारी आतंकवाद निरोधी दस्ते को दे दी गई है जिसने घटनास्थल पर पहुंचकर नमूने इकट्ठे किए हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पियरे ब्रांदे का कहना है कि किसी को बंधक नहीं बनाया गया है जैसा कि पहले कहा जा रहा था। फ्रांस में साल 2015 में दो हमले हुए थे। पहला हमला जनवरी 2015 में हुआ जो पेरिस में किया गया। दूसरा हमला भी इसी शहर में नवंबर में किया गया। इसके बाद से फ्रांस में आपातकाल लागू है।