भोपाल। व्यापमं घोटाले का कमाल देखिए। यूपी का मोस्ट वांटेड बदमाश, व्यापमं घोटाले की मदद से मप्र पुलिस का सिपाही बन गया। वो जबलपुर पुलिस लाइन में 3 साल से शान से नौकरी कर रहा था, कोई उसे कभी पकड़ भी ना पाता यदि उसका ही नजदीकी रिश्तेदार उसकी पोल ना खोलता। पुख्ता सबूतों के साथ हुई जांच के बाद सिपाही की गोपनीय जांच कराई गई एवं सिपाही को सिविल लाइन पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। जल्द यूपी पुलिस पकड़े गए आरोपी को रिमांड पर लेने पहुंचेगी।
सिविल लाइन पुलिस ने बताया कि शिकायत मिली थी कि पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक वीरेन्द्र उर्फ इंद्रेश सिंह फर्जी दस्तावेजों के जरिए पुलिस में भर्ती हुआ है। इसके साथ शिकायत में ये आरोप भी लगाए गए थे कि वीरेन्द्र के खिलाफ एटलाबाद यूपी के सादाबाद थाने में धोखाधड़ी, मारपीट और अवैध वसूली के कई प्रकरण दर्ज हैं। जिसमें वो स्थाई फरारी चल रहा है। लिहाजा पुलिस ने जांच की तो वीरेन्द्र के खिलाफ सारे आरोप सही पाए गए।
जन्मतिथि में किया हेरफेर
पुलिस ने जांच के दौरान वीरेन्द्र के दस्तावेजों की जांच की तो वे फर्जी पाए गए। दरअसल साल 2013 में व्यापमं के जरिए वीरेन्द्र उर्फ इंद्रेश ने अपनी व्यक्तिगत जानकारियों के साथ मार्कशीट में जन्मतिथि 1986 दर्शाई थी, जबकि उसकी वास्तविक जन्मतिथि 1981 थी। सम्पूर्ण जांच के बाद गुरुवार को वीरेन्द्र उर्फ इंद्रेश के खिलाफ सिविल लाइन थाने में धारा 420 का अपराध दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।