भोपाल। मप्र में अब शिक्षकों के फोटो और मोबाइल फोन नंबर स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा होंगे, जिससे अभिभावक हर शिक्षक को पहचान सकें। शिकायतें मिलीं हैं कि कई शिक्षक खुद स्कूल नहीं जाते बल्कि वो अपनी जगह किसी प्राइवेट व्यक्ति को पढ़ाने के लिए स्कूल भेज रहे हैं। इसी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए यह निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं बगैर छुट्टी स्कूल छोड़ने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की भी तैयारी है।
ग्वालियर, चंबल, रीवा सहित कुछ अन्य संभागों में शिक्षकों की एवज में युवाओं द्वारा पढ़ाई कराने के मामले सामने आ चुके हैं। शिक्षक पांच से सात हजार रुपए देकर कॉलेज के स्टूडेंट से पढ़ाई करवाते हैं और खुद व्यापार या राजनीति में मशगूल रहते हैं।
ऐसे मामलों में विभाग अब ठेके पर पढ़ाने वालों और संबंधित शिक्षकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएगा। विदिशा जिले में भी ऐसा मामला सामने आ चुका है। स्कूल शिक्षा विभाग ने ये भी साफ कर दिया है कि ई-अटेंडेंस व्यवस्था हर हाल में लागू होगी। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 52 फीसदी शिक्षक ही नियमित रूप से स्कूल जा रहे हैं।
बगैर छुट्टी मुख्यालय आने पर रोक
किसी भी काम से मुख्यालय पहुंचने वाले शिक्षकों को अब पहले से छुट्टी लेनी होगी और प्रमाण साथ लाना होगा। ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी।
अफसर करेंगे निरीक्षण
स्कूलों के निरीक्षण का चार्ट भी तैयार है। विभाग के अपर मुख्य सचिव छह माह में 10, आयुक्त 20, संचालक, अपर संचालक और संयुक्त संचालक 30 एवं उससे ज्यादा स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और पढ़ाई का स्तर जांचेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर शिक्षकों के तबादले और अन्य कार्रवाई की जाएगी।
इनका कहना है
दूसरे लोगों द्वारा पढ़ाई कराने के मामले आए हैं। इसलिए शिक्षकों के फोटो स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करेंगे। इससे शिक्षकों की उपस्थिति पर भी नजर रखी जाएगी। निर्देश जल्द ही जारी होंगे।
एसआर मोहंती,
अपर मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग