जयपुर। नशे में धुत विधायक के बेटे ने बीएमडब्ल्यू कार से एक आॅटो में इतनी तेज टक्कर मारी कि वो 150 मीटर तक घिसटता चला गया और एक पुलिस वैन से जा टकराया। इस हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई। घटना के बाद निर्दलीय विधायक नंदकिशोर महरिया के बेटे सिद्धार्थ ने अपने भाई के साथ भागने की कोशिश की। वो घायलों की मदद के लिए भी नहीं रुका।
यह है पूरा मामला...
पुलिस के मुताबिक, सिद्धार्थ महरिया आधी रात करीब डेढ़ बजे तेज रफ्तार में बीएमडब्ल्यू कार से पांच बत्ती की ओर से सेंट जेवियर्स चौराहे की ओर आ रहा था। इसी दौरान, एक ऑटो बाईं आेर से वहां आया। तेज रफ्तार कार ने ऑटो को टक्कर मारी और उसे करीब 150 मीटर तक घसीटता ले गया। वहां सेंट जेवियर्स स्कूल के गेट के पास ही पीसीआर वैन खड़ी थी। ऑटो समेत कार वैन से टकराई।
तेज टक्कर से ऑटो कई फीट ऊपर उछल गया। इसमें सवार चार में से तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें एक मानसरोवर निवासी जेठालाल और एक कैलाश शामिल थे। वैन में मौजूद तीन पुलिसवालों समेत चार लोग घायल हो गए। सभी घायलों को एसएमएस हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। मरने वालों में एक जेठालाल जयपुर के मानसरोवर का रहने वाला था। वह चप्पल-जूते की दुकान में काम करता था। घायलों में रमेश, जय सिंह और सीताराम शामिल हैं। इनके अलावा एएसआई रज्जू गंभीर घायल है।
नशे में धुत था विधायक का बेटा
पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में कुछ साफ नहीं हो रहा था कि सिद्धार्थ ने शराब पी रखी थी या नहीं। ऐसे में, रात में ही सिद्धार्थ और बाकी लोगों का मेडिकल कराया गया। इसके बाद ब्लड सैंपल टेस्ट के लिए भेजे गए थे, जिसमें एल्कोहल की पुष्टि हुई है।
बचने के लिए झूठा बयान
पुलिस का कहना है कि कार में दो ही लोग सवार थे, जिनमें एक सिद्धार्थ शामिल है। वह एमएलए का बेटा है। दूसरा उसका कजिन है। जबकि सिद्धार्थ ने बताया कि यह गलत है। कार ड्राइवर चला रहा था। कार में हम तीन लोग सवार थे, एक कजिन, मैं और तीसरा ड्राइवर। सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि कार की स्पीड महज 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे रही होगी। ऑटो की लाइट बंद थी, इसलिए वह दिखा नहीं। जब टकराया तो बैलून खुल गए और आगे कुछ नजर नहीं आया। कार पीसीआर वैन से जा टकराई। एक्सीडेंट ऑटोवाले की गलती से हुआ।
पकड़ा गया झूट
सिद्धार्थ का कहना है कि ऑटो रिक्शा की लाइट नहीं जल रही थी। जबकि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि ऑटो की लाइट जल रही थी।