CBI नहीं तलाश पाई व्यापमं की मौतों का रहस्य

भोपाल। व्यापमं महाघोटाले के दौरान हुईं मौतों के रहस्य का पता सीबीआई भी नहीं लगा पाई। वो केवल उन सामान्य मेडिकल रिपोर्ट्स पर भरोसा कर रही है जो पहले भी सामने आ चुकीं हैं। आरोप थे कि व्यापमं घोटाले में शामिल करोड़पति काले कारोबारियों एवं मेडिकल माफिया ने मिलकर ये हत्याएं कुछ इस तरह से कीं हैं कि या तो वो एक्सीडेंट लगें या फिर किसी बीमारी के कारण। दिल्ली के पत्रकार अक्षय सिंह की मौत के मामले में आरोप था कि उसकी मौत किसी ऐसे जहर से हुई है जो पीएम रिपोर्ट या दूसरी मेडिकल जाचों में पता नहीं चलता। इस तरह के जहरों से पहले भी हत्याएं की जाती रहीं हैं परंतु सीबीआई ने इस दिशा में जांच ही नहीं की। आरोप आज भी जिंदा है कि व्यापमं घोटाले से जुड़े इतने सारे लोगों की असमय मौत क्यों हुई। यह कोई सामान्य घटनाक्रम तो नहीं हो सकता। 

सीबीआई ने 12 मौतों में क्लोजर तैयार कर इनकी जांच खत्म कर दी है। इसके अलावा जिन 12 अन्य मौतों में सीबीआई जांच कर रही है, उसमें भी अब तक किसी भी मामले में सीबीआई के पास हत्या के सबूत नहीं है। रहस्यमय मौतों की जांच के संबंध में सीबीआई 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी। अलग-अलग बिंदुओं से जांच के बाद भी इन मामलों में सीबीआई को हत्या के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने व्यापमं से जुड़ी 24 मौतों के मामले में पीई दर्ज की थी। मेडिकल छात्रा नम्रता डामाेर की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया था। इससे पहले सीबीआई मुख्यालय ने मौतों के मामले में क्लोजर रिपोर्ट भेजने पर नाराजगी जताते हुए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की दोबारा जांच के लिए कहा था। 12 मामलों की दोबारा पड़ताल में भी सीबीआई को ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे दोबारा जांच खोली जाए। इसके बाद इन पर क्लोजर रिपोर्ट बनाकर सीबीआई मुख्यालय को भेज दी गई। मुख्यालय ने भी 12 मौतों में क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। 

इनकी चल रही जांच, अब तक फाउल प्ले नहीं मिला 
इसके अलावा अन्य मौतों की अब तक की जांच में अक्षय सिंह- कार्डियक अरेस्ट, आनंद सिंह यादव-कार्डियक अरेस्ट, विकास पाण्डे- ब्रेन हेमरेज, अनंत राम- किडनी कैंसर, रवींद्र प्रकाश सिंह- खुदकुशी, प्रेम पाण्डे-लीवर कैंसर, आशुतोष तिवारी-कार्डियक अरेस्ट, राजेंद्र आर्य-लीवर फेल्योर, ज्ञान सिंह जाटव- कैंसर ल्यूकेमिया और संजय यादव की मौत की वजह लीवर फेल्योर से आगे नहीं बढ़ पाई है। दीपक जैन की मौत में अब तक थ्योरी एक्सीडेंट से आगे नहीं बढ़ी है। अक्षय सिंह की जांच खत्म हो गई है, इसमें अभी अंतिम रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है। 
इन मौतों में क्लोजर रिपोर्ट 
सीबीआई ने विजय सिंह पटेल, रवि पिप्पल, महेंद्र सिंह सिकरवार, रामेंद्र सिंह भदौरिया, राहुल सोलंकी, ललित कुमार गुलारिया, बृजेश राजपूत, जितेंद्र यादव, विकास सिंह ठाकुर, शैलेष यादव, रिंकू शर्मा व नरेंद्र राजपूत की मौत की जांच कर क्लोजर लगा दिया है। सीबीआई की जांच में ज्यादातर मामलों में मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट व सुसाइड है लेकिन व्यापमं से जुड़े विषय से मौत का कोई संबंध सामने नहीं आया है। 

नम्रता डामोर हत्याकांड में मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार 
मेडिकल छात्रा नम्रता डामोर की हत्या के मामले में सीबीआई को अभी मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट का इंतजार है। इससे पहले आई रिपोर्ट में मेडिकल बोर्ड ने मौत की स्पष्ट वजह नहीं बताई थी। ये रिपोर्ट भी हफ्ते भर में मिल जाएगी। संभव है कि 18 जुलाई को होने वाली सुनवाई में इस केस का भी पूरा ब्यौरा सीबीआई कोर्ट में पेश करे। 

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