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पूर्व सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा को सुप्रीम कोर्ट द्वार नियुक्त किए गए पैनल ने दोषी पाया है। कोयला घाेटाले में कथित हेरफेर के आरोपों को लेकर पैनल की जांच में पाया गया है कि आरोपी ने सिन्हा से मुलाकात की थी। यह भी पता चला कि सिन्हा ने कोयला घोटाले की जांच से भी छेड़छाड़ की थी। पैनल ने पाया कि आरोपी से सिन्हा की मुलाकात का फैसलों पर असर पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में सीबीआई के पूर्व विशेष डायरेक्टर एमएल शर्मा के नेतृत्व में एक टीम बनाई थी। इस टीम को सिन्हा के आधिकारिक निवास से मिली विजिटर्स बुक की सत्यता की जांच करनी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीबीआई प्रमुख रहते हुए सिन्हा ने कोयला घोटाले के आरोपियों से मुलाकातें की थी।
पुलिस कोयला खदानों की अंडर-प्राइस सेल के लिए सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों के घालमेल की जांच करती रही है। 2012 में सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस प्रक्रिया से देश को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ था। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा किए गए 200 से ज्यादा कोल ब्लॉक्स का आवंटन रद कर दिया था।