भोपाल। लॉकअप में बंद आरोपी के साथ अब पुलिसकर्मी थर्ड डिग्री टॉर्चर नहीं कर पाएंगे और ना ही आरोपी अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर लॉकअप में सुविधाएं ले पाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मध्यप्रदेश पुलिस प्रदेश के सभी पुलिस थानों में लॉकअप रूम के बाहर कैमरे लगवाने जा रही है। फुटेज के साथ यह कैमरे ऑडियो भी रिकॉर्ड करेंगे। पुलिस विभाग द्वारा इन कैमरों के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए है। इस बार पुलिस उन कंपनियों से कैमरे लेगी जो इनके मेनटेनेंस की जवाबदारी भी लेगी।
नहीं कर पाएंगे फुटेज डिलीट, कोशिश भी की बज उठेगा अलार्म
थानों में लगने वाले कैमरों की खासियत यह होगी कि इसकी फुटेज यदि कोई पुलिसकर्मी डिलीट नहीं कर पाएंगे। किसी वीडियो को डिलीट करने पर अलार्म बज उठेगा। डिलीट किया वीडियो 30 दिन तक बैकअप में रहेगा। इसके अलावा यदि किसी ने कैमरे के वायर निकाल भी दिए तो कैमरा खुद से शुरू हो जाएगा कैमरे के अंदर ही 32 जीबी का मेमोरी कार्ड रहेगा जो रिकॉर्डिंग चालू रखेगा। इसके अलावा फुटेज की तारीख और समय से भी कोई छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा।
हर थाने में लगेंगे चार कैमरे
हर थाने में चार कैमरे लगेंगे। एक कैमरा लॉकअप रूम के बाहर लगेगा जिससे लॉकअप के अंदर तक का व्यू होगा। एक कैमरा थाने के मुख्य द्वार पर और एक उस कमरे में लगेगा जहां शिकायत दर्ज की जाती है। इसके अलावा एक कैमरा वहां भी लगाया जाएंगा जहां अपनी समस्याएं लेकर लोग आते है और पुलिसवालों से सलाह-मशविरा करते है।
थाने के एसएसओ के रूम में 24 इंच की एलईडी भी लगेगी जिससे नजर रखी जा सकेगी। पुलिस ऐसे टेक्नोलॉजी वाले कैमरों का इस्तेमाल करेगी जो सेंसर बेस्ड हो। मतलब हलचल होने पर वो चालू हो जाएगा और कोई एक्टिविटी नहीं होगी तो बंद हो जाएगा इससे अनावश्यक डाटा स्टोर नहीं होगा।
इनका कहना है
प्रदेश के सभी थानों में कैमरे लगाए जा रहे है जिससे लॉकअप रूम में होने वाली गतिविधियों पर भी नजर रखी जाए। यह कैमरे साल के अंत तक लग जाएंगे।
अमित सक्सेना, एसपी रेडियो