
इंश्योरेंस पीरियड के दौरान अचानक तेज बारिश हुई और राइस मिल में पानी भर गया। इसके चलते 38 लाख रुपये धान और चावल बर्बाद हो गए। उत्तमचंद जैन ने इसकी सूचना इंश्योरेंस कंपनी को दी। कंपनी के सर्वेयर ने 15 लाख रुपये की क्षति का अनुमान किया, लेकिन इसके बाद बीमा कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया।
इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग ने 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 15 लाख 71 हजार रुपये चुकाने का आदेश दिया है। साथ ही 10 हजार रुपए वाद व्यय के रुप में भी देने का आदेश दिया है।