
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा इन दिनों दलित सहभोज पर सवाल खड़ा करते हुए शंकराचार्य ने कहा जो भी दलितों का असली हितैषी दिखाना चाहता है वह बिना बताए दलित के घर जाकर भोजन करे तब दलित के घर की रोटी का असली स्वाद उसको पता चलेगा।
शंकराचार्य ने जागरण से बातचीत में कहा दलित यूं तो कोई जाति नहीं होती। हिंदू में जातिगत भेदभाव तो नेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए कर राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा, कांग्रेस हो बसपा सपा हर दल में नेताओं में दलित प्रेम का फैशन चल निकला है।