रमज़ान खान/दमोह। बटियागढ़ से निकली जुड़ी नदी के पठा घाट पर आज एक अजीबो गरीब वाक्या सामने आया है। मामला कुछ अलग है जूदी नदी के पठा घाट पर पानी में कुछ अलग ही हरकत नदी के बीचों बीच पूरे दिन होती रही। जिसे देख कर लोग दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गये। सुबह के करीब 6 बजे जब विष्णु प्रसाद, रामसिंह, गोलू बुंदेला शौच करने के लिये नदी के घाट पर पहुंचे तो देखा के नदी के बीच पानी से बहुत तेज़ बुलबुले निकल रहे हैं और कुछ देर बाद पानी के अंदर से बहुत मिट्टी कचरे का ढेर निकल कर पानी में अतराता हुआ निकला।
जिसे देख कर सब दंग रह गये धीरे धीरे ये बात हवा की तरह पुरे गांव में फैल गई और सैकड़ों की मात्रा में लोग नदी किनारे जमा हो गये और अपने अपने गुटों के साथ अलग अलग प्रकार की बातें करने लगे कोई कहता ये बहुत बड़ा मगरमच्छ है तो कोई कहता ये कोई मछली है जो ज़मीन में फस गई है तो किसी ने इसे प्रेतात्मा का नाम दिया तो कुछ लोग कह रहे थे मायावी शक्ति है जो पानी में उथल पुथल मचा रही है। जो किसी के प्राण लिये बगैर शांत नही होगी।
लोगों का कहना है की ये नदी हर तीन साल में इंसान की बलि लेती है और ये तीसरी साल है। जब तक ये किसी इंसान को अपना शिकार नही बना लेगी तब तक नदी में इस तरह की हरकतें रोज होती रहेंगी। इन सभी बातों के मुताबिक दिन में करीब 50 से 60 बार इस तरह की हरकत देखने को मिली। इस में सिर्फ एक बात कामन थी की ये सब पानी के अंदर 40 मीटर के दायरे में होता रहा और लोग तमाशा देखते रहे मगर बुलबुलों के अलाबा किसी को कुछ देखने नही मिला है।