धार। जिले में पदस्थ दूरस्थ अँचलो से आये अल्प वेतन पाँच हजार रुपये पर कार्यरत संविदा शिक्षक वर्ग 03 से कई संकुल प्राचार्यो द्वारा सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त (संविलियन) करने के प्रकरण के लिए दो हजार से तीन हजार रूपयों की जबरन वसूली की जा रही हैं।
संविदा शिक्षको में आक्रोश व्याप्त है, संविदा शिक्षको का कहना है कि जब हमारी भर्ती प्रक्रिया आॅनलाईन पारदर्शी तरीके से हुई हैं तो संविलियन भी आॅनलाईन पारदर्शी तरीके से होना चाहिए। संविदा शिक्षकों ने मध्य प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से योग्य व प्रभावी कदम उठाने की मांग की हैं। जिससे भ्रष्टाचार व घूसखौरी पर अंकुश लगाया जा सके। वर्तमान समय में संविदा शिक्षक आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित है, उन्है अपने पारिवारिक दायित्वों के निर्वाह करने में भी कठिनाईयो का सामना करना पड़ रहा है वे उपेक्षा के शिकार बन रहे हैं। उनका उच्च पदों पर आसीन अधिकारी शोषण कर रहे हैं, जो न्याय संगत नहीं है।
संविदा शिक्षक वर्ग 03 के संविलियन की यह हैं प्रक्रिया
संविदा शिक्षक द्वारा तीन वर्ष का परिवीक्षा काल सफलता पूर्वक पूर्ण होने पर अध्यापक संवर्ग में संविलियन हेतु संकुल प्राचार्यो के माध्यम से प्रकरण नियुक्तिकर्ता पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की जनपद पंचायतो में जमा किये जाते हैं,यह प्रकरण मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के माध्यम से अनुमोदन होकर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास धार को प्रेषित किये जाते है,सहायक आयुक्त द्वारा प्रकरण की समीक्षा कर,प्रकरण क्रमशः अनुसूचित जाति/जनजाति प्रवर्ग अधिकारी व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धार को हस्ताक्षर हेतु प्रेषित किये जाते है। समिति के समस्त सदस्यों की अनुशंसा के पश्चात समस्त प्रकरण पुनः जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सहायक अध्यापक के पद पर संविलियन के आदेश जारी करने हेतु प्रेषित किये जाते है।