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वेतनवृद्वि लगाना, जीपीएफ से भुगतान, मेडीक्लेम, अवकाश आदि की स्वीकृति का अधिकार संकुल प्राचार्य और प्राचार्यो को ही रहेगा। जाहिर है वेतन पत्रक संकुल में ही जमा होंगें सेवा पुस्तिका का संधारण भी संकुल प्राचार्य और प्राचार्य के द्वारा ही होगा। पोर्टल पर वेतन देयक भी संकुल प्राचार्य और प्राचार्य ही जनरेट करेंगें। संकुल प्राचार्य और प्राचार्यो द्वारा जनरेटेड और स्वीकृत देयकों को कोषालय में लगाने का काम बी.ई.ओ. का रहेगा। राज्य अध्यापक संघ के जिला शाखा अध्यक्ष डी.के.सिंगौर ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि संकुल प्राचार्यो के डीडीओ पावर समाप्त किये जाने के वित्त विभाग के निर्णय पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग एस.आर.मोहन्ती और आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय नीरज दुबे ने भी चिन्ताएं व्यक्त की थी एवं कहा था कि वित्त विभाग के साथ चर्चा कर रास्ता निकाला जायेगा।
प्रदेश स्तर पर भी कर्मचारी संगठनों ने इसे लेकर विरोध जताया था राज्य अध्यापक संघ की जिला इकाई ने भी कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सोैंपकर कड़ा विरोध जताया था। लोक शिक्षण संचालनालय का यह मार्गदर्शी पत्र ट्रायवल व एज्यूकेशन दोनों विभागों के लिये मान्य होगा क्योंकि आयुक्त कोष एवं लेखा ने अपने मूलपत्र में संकुल के आहरण अधिकार समाप्त करने की ही बात की थी। बतादे कि यदि प्राचार्यो के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार समाप्त कर दिये जाते और ई-अटैन्डेंस व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू हो जाती तो प्राचार्य का पद निरर्थक और औचित्यहीन हो जाता है।