
इस मामले के सामने आने के बाद, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सरकारी और राज्य के मालिकाना हक वाले बैंकों को money muling के खतरों के प्रति आगाह किया है। RBI ने चेताया है कि एनडीए सरकार की प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खोल गए ढेरों बैंक खाते इसकी चपेट में आ सकते हैं या शायद आ चुके हैं।
कर्जदाताओं को बैंक के सिस्टम और इंक्रीमेंटल प्रोसेसेस की विफलता से अवगत करा दिया गया है। उन्हें यह भी हिदायत दी गई है कि वे काइट फ्लायर्स और पोंजी स्कीम चलाने वालों पर नजर रखें। Money mule दरअसल ऐसे पीड़ितों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिनके बैंक अकाउंट के जरिए अवैध पैसा इधर-उधर किया जाता है। फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राहकों को ईमेल, चैटरूम, जॉब वेबसाइट्स और ब्लॉग्स पर संपर्क करते हैं और उन्हें अपने बैंक अकांउट में कुछ कमीशन देकर पैसा मंगाने के लिए तैयार करते हैं।
अवैध पैसा money mule के अकाउंट में जमा कर दिया जाता है, जिसे पैसा किसी और money mule के अकाउंट में ट्रांफसर करना होता है। इससे एक चेन बन जाती है और आखिर में पैसा असली मालिक तक पहुंचता है। जब ऐसे किसी फर्जीवाड़े की रिपोर्ट होती है तो money mule पुलिस की जांच में निशाना बन जाते हैं, जैसा पंजाब के मजदूर के साथ हुआ।