भोपाल। 'चल बेड से नीचे उतर। हो गया पूरा इलाज। अब विदिशा में ही कराना अपना इलाज। यह दृश्य था हमीदिया अस्पताल का। जहां विदिशा से इलाज कराने आए एक मरीज को जबरन डिस्जार्च किया जा रहा था। मना किया तो जूनियर डॉ. सोहेल और डॉ. दिनकर ने परिजनों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
किसी तरह जान बचाकर अस्पताल से भागे परिजनों ने शाम करीब 5 बजे कोहेफिजा पुलिस थाने पहुंचकर डॉ. सोहेल, और डॉ. दिनकर समेत अन्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद पीड़ितों का मेडिकल कराया।
बद्रीप्रसाद अहिरवार एसपी ऑफिस विदिशा में हवलदार के पद पर हैं। उनके छोटे बेटे उत्तमचंद अहिरवार (25) को 24 जून को विदिशा जिला अस्पताल से हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया था। रात करीब 2 बजे उन्होंने उसे हमीदिया के सर्जीकल वार्ड-7 में भर्ती किया था। उसके सिर पर किसी धारधार हथियार से चोट लगी थी।
उत्तम के बड़े भाई पंकज ने आरोप लगाए कि दो दिन से डॉक्टर उत्तम को जबरन डिस्चार्ज करने पर अड़े थे। पंकज ने डॉक्टरों को समझाते हुए कहा कि उनका भाई अभी ठीक नहीं हुआ है। उसे चक्कर आ रहे हैं और वह बैठ भी नहीं पा रहा है। बुधवार से उसे बुखार भी आने लगा था।
पंकज का कहना है कि गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे डॉ. दिनाकर और डॉ. सोहेल ने उत्तम को जबरन बेड से उतार दिया। डिस्चार्ज पर्जी मांगने पर दोनों भड़क गए और पंकज, मौसेरे भाई दुर्गाप्रसाद से मारपीट शुरू कर दी। इस बीच डॉ. सोहेल उत्तम के सीने पर बैठकर उसे धमकाने लगे। पंकज का आरोप है कि डॉक्टरों के साथ स्टाफ ने भी मारपीट की है।
उन्हीं डॉक्टर ने किया मेडिकल
मामला दर्ज होने के बाद थाने से दो सिपाही पंकज और दुर्गाप्रसाद को लेकर हमीदिया अस्पताल पहुंचे। पंकज ने आरोप लगाए कि शाम करीब साढ़े 6 बजे से उन्हें अस्पताल में मेडिकल के नाम पर यहां-वहां घुमाया गया। एक्सरे होने के बाद वह एक कमरे से दूसरे कमरे में मेडिकल के लिए भटकते रहे।