जबलपुर। मप्र में हुए सोलर पैनल टेंडर घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक को आदेशित किया है कि वो जनहित याचिकाकर्ता की शिकायत पर टेंडर की मूल शर्तों में बदलाव करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें। सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता इंदौर के आरटीआई एक्टिविस्ट सुशील लेवी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी व थमन खड़का ने पक्ष रखा।
1100 से 800 वॉट कैसे किया
उन्होंने दलील दी कि मध्यप्रदेश की सभी शासकीय अस्पतालों में सोलर पैनल लगाने के लिए मध्यप्रदेश पॉवर जेनरेटिंग कंपनी ने टेंडर जारी किए थे। ऑपरेशन थियेटर और नवजात शिशु वार्ड में बिजली गोल होने की दशा में सोलर पैनल के जरिए बिजली की आपूर्ति निर्बाध रखे जाने की मंशा से सोलर पैनल का प्रावधान किया गया।
निविदा की तकनीकी शर्त के मुताबिक 1100 वॉट के उपकरण लगाए जाने थे, जो मनमाने तरीके से घटाकर महज 800 वॉट कर दिए गए। इस वजह से राज्य की कई शासकीय अस्पतालों में सोलर पैनल फेल हो गए। इससे इंदौर सहित अन्य शहरों की अस्पतालों में मरीजों को परेशानी और उनकी जान पर बन आने की दुर्घटनाएं सामने आईं।