भोपाल। मध्य प्रदेश के होमगार्ड सैनिकों के लिए बनाए गए राज्य सरकार के नियमों को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत अन्य सभी अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मदन गिरी समेत करीब 9 याचिकाकर्ता की ओर से दायर की गई विधि विरुद्ध याचिका में कहा गया है कि, हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भी राज्य सरकार ने होमगार्ड सैनिकों के लिए तैयार किए गए नियमों में कोई बदलाव नहीं किया.
दरअसल, नियमितीकरण और नियमित नौकरी के लिए करीब 5 हजार सैनिकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उस पर हाईकोर्ट की एकलपीठ ने साल 2011 में राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि एक हायर कमेटी बनाकर होमगार्ड के सैनिकों के लिए 12 महीने नौकरी और पुलिस विभाग के सामान वेतन दिया जाए.
अधिवक्ता विनय सिंह ने बताया कि, इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ और फिर सुप्रीमकोर्ट तक में चुनौत दी, लेकिन दोनों ही अदालतों ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के निर्देशों को कायम रखा गया. इसके बावजूद इसके अप्रैल 2016 में बनाए गए नियमों में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देशों की अनेदखी की और होमगार्ड सैनिकों के लिए 10 महीने नौकरी और 41 साल में रिटायरमेंट का नियम बना दिया.
राज्य सरकार के इन नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, डीआईजी, आईजी होमगार्ड को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब मांगा है.